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मौजूदा समय पूरी दुनिया के देशों में अपनी ताकत दिखाने का होड़ मचा हुआ है. इस दौर में युद्ध का अंदाज भी पूरी तरह से बदल चुका है. युद्ध के क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी के हथियारों के आने के बाद युद्ध का पूरा पैटर्न बदल चुका है. आज के टेक्निकल युग में युद्धों के लिए सबसे बेहतरीन हथियार अपडेटेड ड्रोन और अपडेटेड मिसाइलें मानी जाती हैं. इनमें भी ड्रोन्स का कुछ अलग ही जलवा है. अब तो चीन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका सहित दुनिया के कई देश एआई मोड वाले ड्रोन विकसित कर चुके हैं और ये मानव रहित ड्रोन्स और भी वीभत्स लड़ाई लड़ते हैं क्योंकि पायलट रहित इन ड्रोनों से किसी भी दुश्मन के घर में घुसकर बड़े से बड़े हमले को भी अंजाम दिया जा सकता है. आइए हम आपको दुनिया के 5 एआई जनरेटेड ड्रोन्स के बारे में बताते हैं.
अमेरिका का MQ-9 Reaper एआई ड्रोन
एआई से लैस ड्रोन के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर है. 50 हजार फिट की उंचाई पर इसकी अधिकतम रफ्तार 300 मील प्रति घंटे की है. एक बार में 27 घंटे तक 1900 किलोमीटर तक लगातार उड़ान भर सकता है. अपने साथ 1700 किलो से ज्यादा पेलोड ले जा सकता है. मिशन के हिसाब से यह एयर टू ग्राउंड हेलफायर मिसाइल, लेजर गाइडेड बॉम, एयर टू एयर स्ट्रिंगर मिसाइल पेलोड का सटीक लांच कर सकता है.
तुर्की का Bayraktar TB2 ड्रोन
तुर्की के पास आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़े ऑर्मी ड्रोन है. तुर्की के पास अपडेटेड एआई से लैस Bayraktar TB2 ड्रोन है. इस ड्रोन की प्रमुख खासियत है कि ये लगभग 27 घंटे की लंबी उड़ान क्षमता के साथ 150 किग्रा पेलोड ले जाने में सक्षम होता है. यह ड्रोन लेजर-गाइडेड मिसाइलों से लैस होता है. ये काफी कम लागत में तैयार हो जाता है और इस ड्रोन से और कम लागत पर प्रभावी ISR (खुफिया जानकारी, निगरानी, और टोही) और सटीक हमले करने की क्षमता वाला ड्रोन है. यह एक मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक रहने वाला ड्रोन है. इसे युद्ध क्षेत्रों में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है.
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ऑस्ट्रेलिया का MQ-28A ड्रोन जिसे घोस्ट बैट का नाम दिया गया
ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस सिस्टम ने पिछले महीने बोइंग के मानव रहित एआई कॉम्बैट MQ-28A ड्रोन का परीक्षण किया. इस खतरनाक ड्रोन को ऑस्ट्रेलिया ने 'घोस्ट बैट' का नाम दिया. इस ड्रोन को एक बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के अनुबंध के तहत विकसित किया गया है. इस नई खोज के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने अपने डिफेंस सिस्टम में एक लंबी छलांग लगाई है. ये लॉयल विंगमैन ड्रोन क्रूड एयरक्राफ्ट के साथ जाने के लिए तैयार हैं. ऑस्ट्रेलिया ने इसे डिजाइन करने में 50 से अधिक वर्षों का समय लगा दिया है MQ-28A ड्रोन ऐसा पहला सैन्य विमान है.
रूस के ऑरलान-10 एआई ड्रोन की खासियत
रूस के पास बड़ी संख्या में ऑरलान-10 जैसे टोही एआई ड्रोन हैं. रूस अब लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारबंद ड्रोन विकसित करने में भी जुटा है. रूस के ऑरलान-10 ड्रोन की मुख्य खासियतें यह हैं कि यह एक टोही ड्रोन है. यह 120 किमी तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और लगभग 10 घंटे तक हवा में रह सकता है. इसकी बनावट मिश्रित धड़ वाली है, जिससे इसका रडार कम ट्रैक कर पाता है. यह रूसी सेना के लिए सेंट पीटर्सबर्ग में एसटीसी द्वारा विकसित किया गया है.
भारत का HAROP एआई ड्रोन
इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित HAROP ड्रोन अब भारत के ड्रोन बेड़े में शामिल किए गए सबसे खतरनाक हथियारों में से एक माना जा रहा है. इसकी कार्यप्रणाली और क्षमताएं इसे सीमाओं पर उच्च जोखिम वाले लक्ष्यों के खिलाफ बेहद प्रभावी बनाती हैं. HAROP ड्रोन की सबसे बड़ी ताकत उसकी ऑटोनॉमस सेलेक्शन और आत्मघाती हमले की क्षमता है यानी यह न केवल लक्ष्यों का पता लगाता है बल्कि निर्णय लेकर उन पर आत्मसमर्पित हमला भी कर देता है. लंबी दूरी और वृहद उड़ान क्षमताओं के कारण यह लंबी दूरी के टारगेट को भेदने में उपयोगी सिद्ध होता है.
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