हलवा की रस्म से लेकर बजट पेश होने तक अपने परिवार से भी नहीं मिल सकते वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी.
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नई दिल्ली: देश की पहली महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट संसद में पेश करने वाली है. संसद में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आम बजट पेश हो, उससे पहले हम आपको बताते हैं, कैसे तैयार होता है बजट और उससे जुड़ी कुछ खास बातें. दरअसल, वार्षिक वित्त रिपोर्ट को सामान्य बोलचाल की भाषा में 'आम बजट' कहा जाता है. आम बजट संविधान के ‘अनुच्छेद 112’ में आय-व्यय का लेखा-जोखा है. देश का पहला आम बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने बजट पेश किया था. वहीं आजादी के बाद देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को बजट पेश किया था. संविधान गठन के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को पेश हुआ था.
कैसे तैयार होता है आम बजट?
आम बजट तैयार करने में वित्त मंत्रालय के साथ-साथ योजना आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और प्रशासनिक मंत्रालय भी अहम भूमिका अदा करते हैं. बजट बनाने की प्रक्रिया सामान्य रूप से सितंबर में शुरू हो जाती है. प्रक्रिया के पहले चरण में सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके खर्चों का लेखा-जोखा मांगा जाता है. जिसके बाद सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके फंड को लेकर चर्चा की जाती है. चर्चा के बाद वित्त मंत्रालय, नीति आयोग के साथ मिलकर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के फंड का ब्लू प्रिंट तैयार करते हैं. इसी ब्लू प्रिंट के आधार पर अक्टूबर से नबंवर के बीच अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक कर चर्चा की जाती है. वित्त मंत्रालय बजट को अंतिम रूप देने से पहले देश के विभिन्न कॉपरेट हाउस और बैंकिंग सेक्टर के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करता है.
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बजट पेश करने से पहले लेनी पड़ती है राष्ट्रपति से अनुमति
विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, कॉपरेट हाउस और बैंकिंग सेक्टर से विचार विमर्श के बाद बजट की ड्राफ्ट कॉपी तैयार की जाती है. बजट का यह ड्राफ्ट नीले रंग का होता है. सबसे पहले बजट की ड्राफ्ट कॉपी वित्त मंत्री को सौंपी जाती है. ड्राफ्ट कॉपी के निरीक्षण के बाद वित्त मंत्री बजट की छपाई का निर्देश जारी करती हैं. वहीं, बजट को पेश करने से पहले राष्ट्रपति से अनुमति ली जाती है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बजट को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जाता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद बजट को संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है. यह बजट सामान्यत: दो हिस्सों में बंटा होता है. पहले हिस्से में आर्थिक सर्वे और नीतियों का ब्यौरा होता है और दूसरे हिस्से में प्रत्यक्ष और परोक्ष कर के प्रस्ताव रखे जाते हैं.
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हलवे की रस्म के बाद शुरू हो जाता है बजट की छपाई का काम
बजट की छपाई से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है. वित्त मंत्रालय की परंपरा है कि हलवा के कड़ाहे पर अंतिम कलछी चलाने के बाद वित्त मंत्री बजट तैयारी से जुड़े सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हलवा बांटते हैं. हलवा की रस्म पूरी होने के बाद बजट से जुड़े दस्तावजों की छपाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. उल्लेखनीय है कि हलवे की रस्म शुरू होने से पहले बजट से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को नार्थ ब्लॉक में एकत्रित किया जाता है. इसके बाद, ये अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने के बाद ही नार्थ ब्लॉक से बाहर आते हैं. इस बीच, इन अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने परिवार से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है.