जानिये, सावन के सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा की महिमा
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जानिये, सावन के सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा की महिमा

भगवान शिव की भक्ति और पूजा अर्चना का प्रमुख माह सावन शुरू हो चुका है। वैसे तो पूरे सावन माह में 'बम बम भोले' की जयकार गूंजती रहती है लेकिन इस माह के सोमवार को भगवान शिव के अभिषेक का विशेष महत्‍व होता है। सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए सोमवार के दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। इसलिए सोमवार के दिन श्रद्धालु शिवालयों में जाकर भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। श्रावण सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।

जानिये, सावन के सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा की महिमा

नई दिल्ली : भगवान शिव की भक्ति और पूजा अर्चना का प्रमुख माह सावन शुरू हो चुका है। वैसे तो पूरे सावन माह में 'बम बम भोले' की जयकार गूंजती रहती है लेकिन इस माह के सोमवार को भगवान शिव के अभिषेक का विशेष महत्‍व होता है। सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए सोमवार के दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। इसलिए सोमवार के दिन श्रद्धालु शिवालयों में जाकर भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। श्रावण सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।

सावन मास को मासोत्तम मास कहा जाता है। यह माह अपने हर एक दिन में एक नया सवेरा दिखाता है। इसके साथ जुड़े समस्त दिन धार्मिक रंग और आस्था में डूबे होते हैं। श्रवण नक्षत्र तथा सोमवार से भगवान शिव शंकर का गहरा संबंध है। हिंदू पंचाग के अनुसार सभी मासों को किसी न किसी देवता के साथ संबंधित देखा जा सकता है, उसी प्रकार श्रवण मास को भगवान शिव जी के साथ देखा जाता है इस समय शिव आराधना का विशेष महत्व होता है। यह माह आशाओं की पुर्ति का समय होता है,

सावन मास का आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। यह पूरा महीना शिव की आराधना के लिए समर्पित है। शिव पुराण में बताया गया है कि समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने जो विष पीया था उसकी समाप्त करने के लिए शिव का जलाभिषेक किया जाता है। ऐसा माना जाता है सावन मास में नियमित रूप से शिव¨लग पर जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जलाभिषेक से अत:करण शुद्ध होता है और जल शीतलता प्रदान करता है। हमारा चित्त शुद्ध, सात्विक हो जाता है। इस माह में शिवजी की विशेष महिमा है।

सावन माह में भगवान शंकर की अराधना से हर कष्टों का निवारण होता है, मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यूं तो भगवान शंकर की पूजा के लिए सोमवार का दिन पुराणों में निर्धारित किया गया है। लेकिन पौराणिक मान्यताओं में भगवान शंकर की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन महाशिवरात्रि, उसके बाद सावन के महीने में आनेवाला प्रत्येक सोमवार, फिर हर महीने आनेवाली शिवरात्रि और सोमवार का महत्व है। लेकिन भगवान को सावन यानी श्रावण का महीना बेहद प्रिय है जिसमें वह अपने भक्तों पर भरपूर कृपा बरसाते हैं।

माना जाता है कि सावन माह में हर सोमवार को किया जाने वाला शिवपूजन आम दिनों के पूजा की तुलना में 108 गुना अधिक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली होता है।

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