पंडित नहीं बल्कि प्राणायाम से जानें भूत और भविष्य
Advertisement

पंडित नहीं बल्कि प्राणायाम से जानें भूत और भविष्य

भूत और भविष्य के बारे में हर कोई जानना चाहता है। लोग इसके लिए ज्योतिषियों का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ प्राणायाम करके ही आप भूत और भविष्य जान सकते हैं? लगातार 6 महीने तक प्रतिदिन 2 घंटे ध्यान में बैठिये और अपना अतीत और भविष्य अपने सामने देखिये। यह दावा किसी और का नहीं बल्कि आपके प्यारे गजानन का है। जी हां गणेश गीता के चौथे अध्याय वैध संन्यास योग में गणपति योगाभ्यास और प्राणायाम के बारे में बताते हैं। उनका कहना है कि नियमित प्राणायाम करके, व्यक्ति अपना अतीत और भविष्य दोनों जान सकता है। भविष्य में होने वाली घटना को लेकर सावधान हो सकता है। गणपति प्राणायाम के 3 प्रकार बताते हैं।

फाइल फोटो

दिल्ली: भूत और भविष्य के बारे में हर कोई जानना चाहता है। लोग इसके लिए ज्योतिषियों का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ प्राणायाम करके ही आप भूत और भविष्य जान सकते हैं? लगातार 6 महीने तक प्रतिदिन 2 घंटे ध्यान में बैठिये और अपना अतीत और भविष्य अपने सामने देखिये। यह दावा किसी और का नहीं बल्कि आपके प्यारे गजानन का है। जी हां गणेश गीता के चौथे अध्याय वैध संन्यास योग में गणपति योगाभ्यास और प्राणायाम के बारे में बताते हैं। उनका कहना है कि नियमित प्राणायाम करके, व्यक्ति अपना अतीत और भविष्य दोनों जान सकता है। भविष्य में होने वाली घटना को लेकर सावधान हो सकता है। गणपति प्राणायाम के 3 प्रकार बताते हैं।

कितने प्रकार का प्राणायाम?
-प्राणायाम 3 प्रकार का होता है
-12 वर्णो के उच्चारण का समय लघु प्राणायाम
-24 वर्णों के उच्चारण का समय मध्यम प्राणायाम
-36 वर्णों के उच्चारण का समय उत्तम प्राणायाम

बप्पा कहते हैं जो प्राणायाम करता है उसे भूत और भविष्य के बारे में पता चलने लगता है। अगर साधक को त्रिकाल का ज्ञान चाहिये तो उसे ध्यान और धारणा के पथ पर आगे बढ़ना चाहिये। 12 उत्तम प्राणायाम से चित्त स्थिर होने को धारणा जबकि 2 धारणाओं को योग कहते हैं। इसी योग के अभ्यास से साधक को त्रिकाल ज्ञान होता है।

Trending news