शिवाजी की समाधि के पास क्यों है कुत्ते का स्मारक, जिसे वंशज ने की हटाने की मांग, बताई ये सच्चाई
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शिवाजी की समाधि के पास क्यों है कुत्ते का स्मारक, जिसे वंशज ने की हटाने की मांग, बताई ये सच्चाई

Remove Dog Memorial From Raigad Fort: छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े एक कुत्ते की स्मारक को हटाने की मांग हो रही है. जिसके लिए बकायदा सरकार को लेटर भी लिखा गया है. तो आइए जानते हैं आखिर क्या है यह मामला, किसने लिखा ये लेटर, कुत्ते की स्मारक को हटाने के पीछे क्या है पूरी कहानी.

शिवाजी की समाधि के पास क्यों है कुत्ते का स्मारक, जिसे वंशज ने की हटाने की मांग, बताई ये सच्चाई

Chhatrapati shivaji dog Waghya: शिवाजी महाराज से जुड़े एक कुत्ते की कहानी की इन दिनों महाराष्ट्र में खूब चर्चा में आ गया है. यह चर्चा किसी और ने नहीं बल्कि शिवाजी महराज के वंशज ने की है. तो आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला.

शिवाजी महाराज के वंशज ने कुत्ते के स्मारक को हटाने की मांग की
रायगढ़ विकास निगम के अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सदस्य और कोल्हापुर शाही परिवार के वंशज संभाजीराजे छत्रपति ने एक लेटर लिखा है, जिसमें मांग की गई है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक के पास ऐतिहासिक रायगढ़ किले पर बनाई गई कुत्ते की समाधि और मूर्ति को हटा दिया जाए, क्योंकि शिवाजी महाराज के इतिहास में 'वाघ्या कुत्रा' (शिवाजी का कुत्ता) नामक चरित्र का कोई उल्लेख या संदर्भ नहीं है. उन्होंने 22 मार्च को लिखे पत्र में इस बात पर जोर दिया कि कुत्ते का स्मारक इस साल 31 मई से पहले हटा दिया जाना चाहिए. 

कब बना ये कुत्ते का स्मारक?
लेटर में संभाजीराजे ने बताया है कि कुछ दशक पहले लगभग17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ किले में उनके समाधि स्थल के पास वाघ्या नामक कुत्ते का स्मारक बनाया गया था. हालांकि शिवाजी महाराज के पालतू कुत्ते का नाम वाघ्या होने के बारे में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, जिसमें कहा जाए कि शिवाजी के पास कोई कुत्ता था. इसलिए यह किले पर अतिक्रमण है, जिसे कानूनी तौर पर एक विरासत ढांचे के रूप में संरक्षित किया गया है.उनका यह भी दावा किया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने भी स्पष्ट किया है कि श्वान के अस्तित्व का कोई साक्ष्य या लिखित प्रमाण नहीं है.

शिवाजी का होता है अपमान
पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे महान शिवाजी महाराज की विरासत का अपमान होता है.'' एएसआई की नीति के अनुसार 100 साल से अधिक पुरानी संरचना को संरक्षित किया जाता है. संभाजीराजे ने कहा कि वाघ्या श्वान के स्मारक ढांचे को ऐसा दर्जा मिलने से पहले ही हटा दिया जाना चाहिए.

शिवाजी महराज के पालतू कुत्ते की कहानी झूठी?
शिवाजी महाराज के पालतू कुत्ते की कहानी के बारे में बहुत सारी बातें कही जाती हैं. लेकिन उनके वंशजों ने ही इसकी सत्यता पर सवाल उठा दिया है. मीडिया रिपोर्ट में छपी कहानी के मुताबिक, वैसे तो शिवाजी महाराज के बारे में खूब सारी कहानियां सुनाई जाती है.लेकिन एक उनके पालतू कुत्ते से जुड़ी हुई है. इसका नाम वाघ्या बताया जाता है. लोककथा के अनुसार, वाघ्या एक वफादार और बहादुर कुत्ता था, जो शिवाजी महाराज के साथ हर समय रहता था. एक बार, जब शिवाजी महाराज अपने महल में सो रहे थे, तो वाघ्या उनके पास सोया हुआ था. 

अचानक, एक दुश्मन सैनिक महल में घुस आया और शिवाजी महाराज पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन वाघ्या ने उसे देख लिया और भौंककर शिवाजी महाराज को जगा दिया. शिवाजी महाराज ने वाघ्या की चेतावनी सुनकर दुश्मन सैनिक को मार गिराया. इसके बाद, शिवाजी महाराज ने वाघ्या की बहादुरी की प्रशंसा की और उसे इनाम दिया. अब अगर इसी तरह मांग उठती रही तो वह दिन दूर नहीं जब इस कुत्ते का स्मारक हट ही जाए.
 

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