पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने न केवल लद्दाख के लोगों के संघर्ष में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, बल्कि शांति, एकता और अहिंसा की अपील भी की. अपने वकील के माध्यम से जारी संदेश में वांगचुक ने कहा, "हमारे 4 लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए. जब तक ऐसी जांच नहीं होती, मैं जेल में रहने को तैयार हूं."
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जोधपुर जेल में बंद प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लद्दाख और भारतवासियों के नाम जेल से एक संदेश भेजा है. अपने वकील के माध्यम से जारी इस संदेश में वांगचुक ने अपनी कुशलता की जानकारी दी है और देशवासियों की चिंता व प्रार्थनाओं के प्रति आभार प्रकट किया है. वांगचुक ने कहा, "मैं शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हूं. आप सभी की चिंता और प्रार्थनाओं के लिए दिल से धन्यवाद."
इसके साथ ही उन्होंने हाल की घटनाओं में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना जताई और घायल व गिरफ्तार लोगों के लिए अपनी प्रार्थनाएं भेजी. उन्होंने कहा, "मेरी हार्दिक संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, और मेरी प्रार्थनाएं उन सभी के साथ हैं जो घायल हुए हैं या हिरासत में लिए गए हैं." उनके इस संदेश ने लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में उनके समर्थकों को कुछ हद तक राहत दी है. वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन और समर्थन अभियान चलाए जा रहे हैं.
जो भी लद्दाख के हित में कदम उठाएगा मैं उसके साथः वांगचुक
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने न केवल लद्दाख के लोगों के संघर्ष में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, बल्कि शांति, एकता और अहिंसा की अपील भी की. अपने वकील के माध्यम से जारी संदेश में वांगचुक ने कहा, "हमारे 4 लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए. जब तक ऐसी जांच नहीं होती, मैं जेल में रहने को तैयार हूं." उन्होंने लद्दाख की 6ठीं अनुसूची और राज्य के दर्जे की मांग को दोहराते हुए कहा, "मैं लद्दाख की इस संवैधानिक और न्यायपूर्ण मांग में सर्वोच्च निकाय, केडीए (KDA) और पूरे लद्दाख के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा हूं. जो भी कदम सर्वोच्च निकाय लद्दाख के हित में उठाएगा, मैं तहे दिल से उनका साथ दूंगा."
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वांगचुक ने अहिंसक संघर्ष की अपील की
वांगचुक ने विशेष रूप से लोगों से अहिंसक संघर्ष की अपील की और कहा, "मैं लद्दाख के सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे शांति और एकता बनाए रखें. हमें महात्मा गांधी के बताए अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही अपना आंदोलन जारी रखना है." उनका यह संदेश ऐसे समय आया है जब लद्दाख में आंदोलन तेज हो रहा है और देशभर में लोग उनकी गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वांगचुक का यह रुख न केवल उनके नैतिक संकल्प को दर्शाता है, बल्कि लद्दाख के आंदोलन को एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक दिशा देने का भी प्रयास है.
कड़ी सुरक्षा और CCTV निगरानी में हैं सोनम वांगचुक
26 सितंबर को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेह-लद्दाख से जोधपुर सेंट्रल जेल लाया गया. जेल प्रशासन ने उनके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है और उन्हें एक विशेष निगरानी सेल में रखा गया है. जेल सूत्रों के अनुसार, CCTV कैमरों के जरिए उनकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है. ये कैमरे न केवल जेल मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़े हैं, बल्कि सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से भी कनेक्ट हैं, जिससे हर गतिविधि पर रियल-टाइम नजर रखी जा रही है. जेल प्रशासन की ओर से सोनम वांगचुक का समय-समय पर मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है ताकि उनकी सेहत की नियमित निगरानी की जा सके. जोधपुर जेल में ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी की व्यवस्था है.
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