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CBI Investigation: सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 17 जगहों पर छापेमारी की. लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) के अलावा इसमें उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) और उनकी दो बेटियां हेमा और मीसा भी शामिल हैं. सीबीआई ने जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप में मामला दर्ज कर ये छापेमारी शुरू की थी. सीबीआई ने 17 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने जमीन के बदले रेलवे (Railways) में नौकरियां ली हैं.
सीबीआई में दर्ज मामले के मुताबिक लालू प्रसाद यादव UPA सरकार में साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. इसी दौरान लालू यादव ने बिना किसी नोटिफिकेशन के रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी में लोगों की भर्तियां की जिसके बदले में जमीने (Property) ली गई. जिन लोगों को नौकरी पर रखा गया था वो सभी पटना के रहने वाले थे. लेकिन नौकरियां रेलवे के मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर के अलग-अलग जोन में दी गईं. सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए सबसे पहले सितंबर 2021 में एफआईआर (FIR) दर्ज की थी जिसकी जांच में सबूत मिलने के बाद 18 मई को लालू यादव, उनकी पत्नी और दो बेटियों समेत 17 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
जांच में पता चला कि लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप डी में लोगों को भर्ती करने के बदले उनसे जमीने ली. बता दें कि जो जमीन ली गई थी उनमें से 3 लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के नाम, 1 बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) के नाम और दो गिफ्ट में बेटी हेमा यादव (Hema Yadav) के नाम थी. एक जमीन M/s AK Infosystem Pvt. Ltd. के नाम थी जिसे साल 2014 में राबड़ी देवी और उनकी बेटियों के नाम कर दिया गया. इसमें कंपनी और उससे जुड़ी सारी संपत्ति भी शामिल थी. राबड़ी देवी के पास कंपनी के सबसे ज्यादा शेयर थे और वो कंपनी की डायरेक्टर बनीं यानी जो जमीन नौकरी के बदले कंपनी के नाम दी गई थी वो भी अब लालू यादव के परिवार की संपत्ति हो गई थी.
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पटना में 1,05,292 स्क्वेयर फीट की जो जमीन नौकरियों (Jobs) के बदले लालू यादव और उनके परिवार के पास आई, उसकी कीमत करीब 4,39,80,650 करोड़ रुपये है. जबकि ये 7 जमीन के पार्सल जो लिए गए थे, उनमें से 5 को खरीदा दिखाया गया और 2 को तोहफा बताया गया. जिस जमीन को खरीदा गया दिखाया है उसकी कीमत (Price) भी काफी कम दिखाई गई और पैसे नकद दिए गए. ये साफ इशारा करता है कि जमीन के बदले नौकरियां दी गईं.
जांच में ये भी पता चला कि नौकरियों के लिए किसी तरह का विज्ञापन (Advertisement) नहीं निकाला गया था. जिन लोगों को नौकरियां दी गई थीं, उन लोगों को कहा गया था कि वो रेलवे के जोन को चिट्ठी लिखें. लेकिन जो अर्जियां लिखकर भेजी गईं, उन पर पता भी अधूरा था. बावजूद इसके वो अर्जियां अधिकारियों तक पहुंची और नौकरियां भी मिल गईं. सभी नौकरियां साल 2004 से 2009 के बीच में दी गईं जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री (Railway Minister) थे. फिलहाल लालू प्रसाद यादव बिहार के चारा घोटाले मामले में दोषी हैं और अदालत से सेहत के नाम पर जमानत लेकर बाहर हैं. पत्नी राबड़ी देवी बिहार में एमएलसी हैं और बेटी मीसा भारती राज्य सभा सांसद हैं.
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लालू यादव पर रेल मंत्री रहते हुए पहले भी घोटाले (Fodder Scam) का आरोप लगा है. इसमें पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और बेटी मीसा भारती आरोपी हैं. आरोप है कि होटल के बदले जो जमीन कंपनी के नाम ट्रांसफर की गई थी, वो बाद में लालू यादव के परिवार के नाम कर दी गई. उसी दौरान लालू प्रसाद यादव ने जमीन के बदले कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी पर रखा था. अब इसी मामले में सीबीआई ने 18 मई को मामला दर्ज कर ये कार्रवाई की है. इससे पहले भी लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया हुआ है जिसमें आरोप था कि आईआरसीटीसी (IRCTC) के रांची और पुरी में जमीन लेकर दो प्राइवेट होटल को लीज पर चलाने के लिए दे दिया था.
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