रूस से 5 एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदेगा भारत, दोनों देशों के बीच हुए 8 अहम करार
दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई शिखर वार्ता के बाद पीएम मोदी और पुतिन ने की साझा कॉन्फ्रेंस.
नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता समाप्त हो गई है. इसके बाद साझा बयान देते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि हमें खुलकर गहन चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ. रूस के साथ भारत अपने संबंधों को तेजी से प्राथमिकता देता है. दोनों देशों के बीच संबंध और भी अधिक प्रासंगिक हो गए हैं. हमारी भागीदारी को लगातार नई ऊर्जा मिली है और वैश्विक रूप से हमारे संबंधों को मजबूती मिली है.
शिखर वार्ता और साझा कॉन्फ्रेंस के बाद पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बच्चों के समूह से भी मुलाकात की. भारत रूस से पांच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी खरीदेगा.
गगनयान मिशन में रूस देगा सहयोग
पीएम मोदी ने कहा कि रूस के साथ भारत के अद्वितीय संबंध हैं. ट्रेड से लेकर इन्वेस्टमेंट, नाभिकीय से लेकर सौर ऊर्जा, सागर से लेकर अंतरिक्ष तक भारत और रूस के संबंधों का और भी विस्तार होगा. उन्होंने कहा कि भारत के गगनयान अंतरिक्ष मिशन में रूस ने सहयोग देने के लिए हमें आश्वासन दिया है. आंतकवाद के खिलाफ संघर्ष में भारत और रूस के साझा हित हैं. भारत और रूस दोनों इस मुद्दे पर एक साथ खड़े हैं. भारत रूस की दोस्ती अपने आप में अनूठी है.
उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में रूस का हमेशा साथ रहा है. इसके अलावा अंतरिक्ष क्षेत्र में भी आपसी सहयोग को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है. इसके तहत साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क में एक भारतीय मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा.
पुतिन ने मोदी को आमंत्रित किया
वहीं, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साझा बयान में कहा 'मुझे भारत आकर दोस्ती का माहौल मिलता है. भारत से कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई है.' पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में आयोजित होने वाले इस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है. पुतिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी बैठक करेंगे. वह प्रतिभाशाली बच्चों के एक समूह के साथ भी बातचीत करेंगे.
गले लगाकर की शिखर वार्ता की शुरुआत
इससे पहले दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोवाल और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहे. शिखर वार्ता की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए उन्हें गले लगाया.
एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम खरीद पर सस्पेंस
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि भारत और रूस के बीच शुक्रवार को शिखर वार्ता में एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर समझौता हो गया है. दोनों देशों के बीच इस पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक भारत रूस से पांच एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम खरीदेगा. लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
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गुरुवार को भारत पहुंचे पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिनी दौरे के तहत गुरुवार को भारत पहुंचे हैं. गुरुवार को नरेंद्र मोदी ने पुतिन के गले मिलकर उनका स्वागत किया था. गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां पहुंचने पर पुतिन का स्वागत किया था. उसके बाद पुतिन सीधे लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास गए जहां दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठक की. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया था.
19वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन
शुक्रवार को 19वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन हुआ. सम्मेलन में दोनों नेता विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई. इनमें मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल हैं. रूसी राष्ट्रपति के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं.
राष्ट्रपति पुतिन, भारत में आपका स्वागत है : पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर ट्वीट भी किया था, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन, भारत में आपका स्वागत है. बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ होंगे.’’ उनका ट्वीट रूसी भाषा में भी पोस्ट किया गया. पुतिन के भारत पहुंचने के बीच रूसी समाचार एजेंसी तास ने खबर दी थी कि शुक्रवार को कई द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इनमें भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली देने के लिए पांच अरब डॉलर का करार शामिल है.
भारत बढ़ेगा आगे
भारत ने संकेत दिए हैं कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद वह करार की दिशा में आगे बढ़ेगा. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए. रूस भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है.