ED ने चिदंबरम से ट्विटर अकाउंट के बारे में पूछा लेकिन प्रॉपर्टी पर कभी सवाल नहीं किए: सिब्‍बल
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ED ने चिदंबरम से ट्विटर अकाउंट के बारे में पूछा लेकिन प्रॉपर्टी पर कभी सवाल नहीं किए: सिब्‍बल

कपित सिब्‍बल ने कहा कि 2017 में FIR होने के बाद से जांच में कुछ नहीं हुआ, ये मीडिया ट्रायल हो रहा है, चिदंबरम पर आरोप लगाए जा रहा हैं कि उनकी बहुत सारी प्रॉपर्टी हैं, अगर एक भी गलत प्रॉपर्टी मिल जाये तो मैं ये याचिका वापस ले लूंगा.

ED ने चिदंबरम से ट्विटर अकाउंट के बारे में पूछा लेकिन प्रॉपर्टी पर कभी सवाल नहीं किए: सिब्‍बल

नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट में ईडी के मामले में पी चिदंबरम की तरफ से दलील रखते हुए कपित सिब्‍बल ने कहा कि 2017 में FIR होने के बाद से जांच में कुछ नहीं हुआ, ये मीडिया ट्रायल हो रहा है, चिदंबरम पर आरोप लगाए जा रहा हैं कि उनकी बहुत सारी प्रॉपर्टी हैं, अगर एक भी गलत प्रॉपर्टी मिल जाये तो मैं ये याचिका वापस ले लूंगा.

कपिल सिब्बल ने कहा कि 6 जून 2018 को केवल एक बार सीबीआई ने बुलाया. पूरी जांच ही संविधान के आर्टिकल 21 के खिलाफ है जो कि मुझे फेयर जांच और फेयर ट्रायल का अधिकार देते हैं. कपिल ने कहा कि ED ने चिदंबरम से पूछा कि क्या आपका ट्विटर एकाउंट है. जब ED ने तीन बार चिदंबरम को बुलाया तो चिदंबरम पर प्रॉपर्टी और फर्जी एकाउंट के बारे में कभी नहीं पूछा.

LIVE: चिदंबरम को जेल या बेल? ईडी मामले में SC में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई जारी

ED की पूरी जांच को गैरकानूनी बताते हुए कपिल सिब्बल ने कहा जांच कभी कानूनी प्रक्रिया के हिसाब से नहीं की ही गई. अगर प्रॉपर्टी के चिदंबरम की पोती के पक्ष में विल करने का आरोप ED ने लगाया तो उसके बारे में जब चिदंबरम को बुलाया गया तो पूछा क्यों नहीं गया? अगर प्रॉपर्टी और एकाउंट के आरोप के डॉक्यूमेंट ED के पास हैं तो आरोपी चिदंबरम से ED को हिरासत में लेकर पूछना क्या बचा है?

कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि ED ने जो हलफनामा फ़ाइल किया उसे पहले ही मीडिया में रिलीज कर दिया गया. ED के वकील SG तुषार मेहता ने इसका विरोध किया. कपिल सिब्बल का आरोप है कि ED ने जांच को कानूनी प्रकिया से नहीं किया, न तो केस डायरी बनाई और न ही किसी ऐसे दस्तावेज को साझा किया जो आरोपी को दिया जाना था.

इससे पहले, चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर याचिका खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चिदंबरम को निचली अदालत में नियमित जमानत लगाने को कहा. कोर्ट ने कहा-याचिका अर्थहीन.सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि गिरफ्तारी के बाद इस याचिका का कोई औचित्य नहीं बनता. उधर, चिदंबरम के वकील कपिल सिब्ब्ल ने उनकी ओर से पक्ष रखते हुए कहा, "जब मैं लगातार प्रयास कर रहा था सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए, तभी सीबीआई ने मुझे गिरफ्तार कर लिया."

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