'मन की बात' में PM नरेंद्र मोदी बोले- पद्म पुरस्कार अब People's अवॉर्ड बन चुका है
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'मन की बात' में PM नरेंद्र मोदी बोले- पद्म पुरस्कार अब People's अवॉर्ड बन चुका है

'मन की बात' को लेकर पीएम मोदी ने कहा, यह इस वर्ष और दशक का पहला कार्यक्रम है.

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में पीएम मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को अपने साल 2020 के पहले रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में देशवासियों को संबोधित किया. इस बार गणतंत्र दिवस के समारोह की वजह से 'मन की बात' कार्यक्रम का समय बदलकर शाम 6 बजे किया गया था. अमूमन यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे प्रसारित होता है. यह प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' का 61वां एपिसोड था.

प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ''दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन भारत के लोगों का उत्साह और हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे. Can do... ये  Can do का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है.''

पद्म-अवार्ड बना पीपुल्स अवॉर्ड
रेडियो कार्यक्रम पीएम मोदी ने बताया कि 2020 के पद्म-पुरस्कारों के लिए इस साल 46 हज़ार से अधिक नामांकन प्राप्त हुए. ये संख्या 2014 के मुक़ाबले 20 गुना से भी अधिक है. यह आंकड़े जन-जन के इस विश्वास को दर्शाते हैं कि पद्म-अवार्ड, अब People's Award बन चुका है.

दर्दनाक अध्याय का अंत हुआ
प्रधानमंत्री ने कहा, पूर्वोत्तर में लगभग 25 वर्ष पुरानी Bru-Reang refugee crisis, एक दर्दनाक chapter का अंत हुआ. समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ता खुल गया है. आखिरकार 2020 का नया दशक, Bru-Reang समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया. करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा. ये समझौता कई वजहों से बहुत ख़ास है. ये Cooperative Federalism की भावना को दर्शाता है. समझौते के समय मिज़ोरम और त्रिपुरा, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौज़ूद थे. ये समझौता दोनों राज्यों की जनता की सहमति और शुभकामनाओं से ही सम्भव हुआ है.

हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडिया कार्यक्रम में कहा, 'अभी कुछ दिनों पहले असम में 8 अलग-अलग मिलिटेंट ग्रुप के सैकड़ों लोगों ने अपने हथियारों के साथ आत्म-समर्पण किया. जो पहले हिंसा के रास्ते पर चले गए थे, उन्होंने अपना विश्वास, शान्ति में जताया और देश के विकास में भागीदार बनने का निर्णय लिया है.' उन्होंने कहा कि देशवासियों को यह जानकर बहुत खुशी होगी कि पूर्वोत्तर में विद्रोह बहुत-एक मात्रा में कम हुई है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र से जुड़े हर एक मुद्दे को शांति के साथ, ईमानदारी से चर्चा करके सुलझाया जा रहा है. हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है. क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो? हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती.

प्रधानमंत्री के 'मन की बात' की खास बातें:-
- ‘मन की बात’ - sharing, learning और growing together का एक अच्छा और सहज platform बन गया है. हर महीने हज़ारों की संख्या में लोग, अपने सुझाव, अपने प्रयास, अपने अनुभव share  करते हैं.
- मैंने नए साल पर मन की बात पर चार्टर बनाया है, जिसमें कई चीजों की लिस्ट बनाई गई है. इस ‘मन की बात चार्टर’ को जब मैं पढ़ रहा था, तब, मुझे भी आश्चर्य हुआ कि इतनी सारी बाते हैं. इतने सारे हैश-टैग्स हैं. और, हम सबने मिलकर ढ़ेर सारे प्रयास भी किए हैं.
- जब हर भारतवासी एक कदम चलता है तो हमारा भारतवर्ष 130 करोड़ कदम आगे बढ़ाता है. इसलिए चरैवेति, चरैवेति... का मंत्र लिए अपने प्रयास करते रहें.
- स्वच्छता के बाद जन-भागीदारी की भावना, participative sprite आज एक और क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है और वह है 'जन संरक्षण'. जल संरक्षण के लिए कई व्यापक और इन्नोवेटिव प्रयास देश के हर कोने में चल रहे.
- मैं असम की सरकार और असम के लोगों को खेलो इंडिया की शानदार मेजबानी के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. इस महोत्सव ओए अंदर 80 रिकॉर्ड टूटे जिसमें से 56 रिकॉर्ड तोड़ने का काम हमारी बेटियों ने किया है.
- अगले महीने 22 फरवरी से 1 मार्च तक ओडिशा के कटक और भुवनेश्वर में पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स आयोजित हो रहे हैं. इसमें भागीदारी के लिए 3 हजार से ज्यादा खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं.
-  देश के करोड़ों विद्यार्थियों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के अनुभव के बाद मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि देश का युवा आत्म विश्वास से भरा हुआ है और हर चुनौती के लिए तैयार है.
- 18 जनवरी को यवाओं ने देशभर में cyclothon का आयोजन किया, जिसमें शामिल लाखों देशवासियों ने फिटनेस का संदेश दिया.
- हमारा New India पूरी तरह से फिट रहे इसके लिए हर स्तर पर जो प्रयास देखने को मिल रहे हैं, वे जोश और उत्साह से भर देने वाले हैं.
 
कुनबापरस्ती को पसंद नहीं करती युवा पीढ़ी
मालूम हो कि इससे पहले 29 दिसंबर 2019 को पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा था कि आज की युवा पीढ़ी अजराकता और कुनबापरस्ती को पसंद नहीं करती. प्रधानमंत्री ने यह बात नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर हालिया विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में कही थी.

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