कोरोना के खौफ के चलते बद्रीनाथ यात्रा के पक्ष में नहीं हैं स्थानीय लोग, रद्द करने की मांग
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कोरोना के खौफ के चलते बद्रीनाथ यात्रा के पक्ष में नहीं हैं स्थानीय लोग, रद्द करने की मांग

लॉकडाउन (Lockdown) के चलते बंद किये गए धार्मिक स्थलों को सरकार आज (सोमवार) से पुन: खोलने जा रही है. इसके मद्देनजर बद्रीनाथ (Badrinath) सहित चार धाम की यात्रा की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध ने इस तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

फाइल फोटो

देहरादून: लॉकडाउन (Lockdown) के चलते बंद किये गए धार्मिक स्थलों को सरकार आज (सोमवार) से पुन: खोलने जा रही है. इसके मद्देनजर बद्रीनाथ (Badrinath) सहित चार धाम की यात्रा की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध ने इस तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, बद्रीनाथ यात्रा (Badrinath Yatra) जिस मार्ग से गुजरेगी, वहां के लोगों को कोरोना संक्रमण फैलने का डर है, इसलिए वह सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.    

जोशीमठ ब्लॉक के प्रमुख अनूप सिंह के मुताबिक, स्थानीय लोग यात्रा शुरू करना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम इस यात्रा को शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए भी सरकार यात्रा शुरू करना चाहती है, लेकिन हम इसका विरोध करते हैं. क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है. हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करना है, और वह केवल तभी मुमकिन है जब यात्रा की अनुमति न दी जाए. जोशीमठ में कोई चिकित्सीय सेवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए हम सरकार से अपील करते हैं कि वो अपने फैसले पर पुनर्विचार करे’. 

पांडुकेश्वर की प्रमुख बबीता देवी का भी यही मानना है कि सरकार को यात्रा की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि इस साल यात्रा आयोजित हो. कोरोना वायरस के फैलने का खतरा अभी भी मौजूद है. लिहाजा हमारी मांग है कि सरकार यात्रा को फ़िलहाल रद्द कर दे’. 

वहीं, नगर पंचायत बद्रीनाथ के कार्यकारी अधिकारी सुनील पुरोहित का कहना है कि अधिकारी यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. एएनआई से बातचीत करते हुए एक पुरोहित ने बताया कि ‘हमने यात्रा के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर ली हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराये जाने के लिए गोले बनाये गए हैं. हम दैनिक आधार पर मंदिरों की सफाई कर रहे हैं. हमने थर्मल स्क्रीनिंग की सभी व्यवस्थाएं भी कर दी हैं. अब हमें सिर्फ यात्रा शुरू होने का इंतजार है’. गौरतलब है कि 15 मई को उत्तराखंड के चमोली जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल को काफी दिनों के बाद पुन: खोला गया था. अधिकारियों के अनुसार,  इस दौरान मुख्य पुजारी सहित केवल 28 लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी गई थी. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने आठ जून से धार्मिक स्थलों, होटलों, रेस्तरां और शॉपिंग मॉल खोलने की अनुमति दी है. हालांकि, राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा निर्धारित कन्टेनमेंट जोन में इन पर अभी भी प्रतिबन्ध रहेगा.    

 

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