लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बनाए 262 राहत शिविर,रहने खाने का होगा सारा इंतजाम
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लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बनाए 262 राहत शिविर,रहने खाने का होगा सारा इंतजाम

 लॉकडाउन (Lockdown) के चलते प्रवासी मजदूरों के सामने रहने और खाने-पीने की समस्या आ गई है. मुंबई और दिल्ली से भारी संख्या में मजदूर अपने गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार प्रवासी मजदूरों के रहने और खाने-पीनी की व्यवस्था कर रही है.

राज्य भर में बनाए गए इन राहत शिविरों में 70399 प्रवासी मजदूरों को आसरा मिला हुआ है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुंबई: लॉकडाउन (Lockdown) के चलते प्रवासी मजदूरों के सामने रहने और खाने-पीने की समस्या आ गई है. मुंबई और दिल्ली से भारी संख्या में मजदूर अपने गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार प्रवासी मजदूरों के रहने और खाने-पीनी की व्यवस्था कर रही है. सरकार से आह्वान किया है कि जो जहां है वहीं रहे. सरकार सभी की मदद करेगी. 

महाराष्ट्र सरकार ने 262 राहत शिविर बनाए हैं. जिसमें प्रवासी मजदूरों को रहने के लिए जगह और खाने-पीने का सामान दिया जा रहा है. राज्य भर में बनाए गए इन राहत शिविरों में 70399 प्रवासी मजदूरों को आसरा मिला हुआ है. खाने और आसरे की तलाश में इन मजदूरों को भटकना नहीं पड़े इसलिए सरकार ने राहत शिविर बनाए हैं. 

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संकट की घड़ी में कैदियों ने बढ़या मदद का हाथ
उधर, नासिक सेंट्रल जेल के 1500 कैदियों ने इंसानियत की अनूठी मिसाल कायम की है. कैदियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 2.75 लाख रुपए दान किए हैं. नासिक सेंट्रल जेल के कैदियों ने अपनी-अपनी क्षमता के मुताबिक 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक दान किए. बता दें कि कैदियों को जेल में काम करने के बदले जो मजदूरी मिलती है उन्होंने उस मेहनत की कमाई से दान दिए हैं.

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