लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में इस बार पूर्वांचल की 13 सीटों पर भी एक जून को चुनाव होने जा रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इनमें से 9, अपना दल 2 और बसपा 2 सीटें जीती थी.  इस बार सत्‍तारूढ़ एनडीए गठबंधन की तरफ से भाजपा 10, अपना दल दो और SBSP एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. इस अंचल में इस बार कई जगह मामला त्रिकोणीय दिख रहा है. बीजेपी पर जहां अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है वहीं सपा, बसपा और स्‍वामी प्रसाद मौर्य जैसी शक्तियां इनके खिलाफ रणनीति बनाकर चल रही हैं. 


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इस चरण में महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर और राबर्ट्सगंज के लिए वोटिंग होगी. इन सभी 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 144 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 134 पुरुष और 10 महिला हैं. इसी चरण में दुद्धी उप निर्वाचन क्षेत्र में भी एक जून को मतदान होगा.  इसमें सबसे महत्वपूर्ण सीट वाराणसी है. यहां से प्रधानमंत्री तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं.


सीएम योगी की परीक्षा
गोरखपुर से सीएम योगी की भी कड़ी परीक्षा है. वहां से भोजपुरी अभिनेता रवि किशन भाजपा के टिकट पर दूसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. 2019 में भाजपा के पास नौ, बसपा और अपना दल के पास दो-दो सीटें थी. इस बार एनडीए गठबंधन में भाजपा 10, अपना दल दो और सुभासपा एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. मोदी-योगी के गढ़ में हो रहे चुनाव पर देश भर की निगाहें हैं. यूपी की सबसे अहम वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के अजय राय चुनावी मैदान में हैं. वहीं गोरखपुर की चर्चित सीट से भाजपा ने अभिनेता और मौजूदा सांसद रवि किशन को टिकट दिया है. उनका मुकाबला सपा की काजल निषाद से है.


इसी चरण में बनारस से सटी हुई सीट चंदौली से केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय भाजपा के टिकट पर चुनावी दंगल में तीसरी बार उतरे हैं. उनके खिलाफ सपा-कांग्रेस गठबंधन के वीरेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने सतेंद्र मौर्य को मैदान में उतारकर समीकरणों को रोचक बनाने की कोशिश की है. यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही है. 2019 में यहां से भाजपा के सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय कड़े मुकाबले में मात्र 13,959 वोटों के अंतर से जीते थे. 


अनुप्रिया पटेल
मिर्जापुर लोकसभा सीट से हैट्रिक की आस में भाजपा-अपना दल (एस) की संयुक्त उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल का मुकाबला भदोही के मौजूदा सांसद रमेश बिंद से है. सपा ने बिंद को मैदान में लाकर अनुप्रिया के विजय रथ को रोकने की भरपूर कोशिश की है. वहीं बसपा ने अगड़ी जाति के वोट बैंक को साधने के लिए ब्राह्मण चेहरे मनीष तिवारी पर दांव लगाया है. 2019 में इस सीट से अनुप्रिया पटेल 2,32,008 वोटों के अंतर से जीती थी. 


अफजाल अंसारी
गाजीपुर लोकसभा सीट से मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी सपा से मैदान में हैं. अफजाल पांच बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं. इस सीट पर भाजपा से पारसनाथ राय मैदान में हैं. बसपा ने यहां से उमेश सिंह को मैदान में उतारा है. यहां पर भाजपा और सपा के बीच मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है.


बलिया सीट से भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ सपा के सनातन पांडेय काफी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने यहां से लल्लन सिंह को अखाड़े में उतारा है.


पूर्वांचल की सलेमपुर सीट से भाजपा ने रवींद्र कुशवाहा को उतारा है. वो जीत की हैट्रिक लगाने को बेताब हैं. जबकि सपा ने पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर को उतारा है. यहां बसपा ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को टिकट दिया है.


घोसी लोकसभा से भाजपा और सुभासपा की तरफ से गठबंधन प्रत्याशी कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर मैदान में हैं. सपा के राजीव राय से उनका कड़ा मुकाबला है. बसपा ने बालकृष्ण चौहान को मैदान में उतार कर लड़ाई को रोचक बनाने का प्रयास किया है.


रॉबर्ट्सगंज 
लोकसभा सीट से अपना दल-एस और भाजपा की संयुक्त प्रत्याशी रिंकी कोल मैदान में हैं. उनके खिलाफ सपा ने छोटे लाल खरवार को मैदान में उतारा है. बसपा ने यहां से धनेश्वर गौतम को मैदान में उतारा है.
देवरिया लोकसभा सीट से भाजपा ने शशांक मणि त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह से है. बसपा ने देवरिया लोकसभा सीट से संदेश यादव उर्फ मिस्टर पर दांव लगाया है.


स्वामी प्रसाद मौर्य 
कुशीनगर संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने वर्तमान सांसद विजय कुमार दूबे और सपा ने अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से मैदान में हैं, जिन्होंने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया हैं.


बांसगांव लोकसभा सीट पर भाजपा से कमलेश पासवान चौथी बार मैदान में हैं. कांग्रेस के सदल प्रसाद चुनावी मैदान में हैं. वहीं, बसपा के डा. रामसमुझ काडर के वोटरों को जोड़कर जीत का समीकरण बनाने में जुटे हैं.


महराजगंज सीट से भाजपा ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. पंकज चौधरी ने यहां छह बार जीत दर्ज की है. पिछले चुनाव में वो 3.4 लाख मतों से जीते थे. उनका मुकाबला कांग्रेस के विधायक वीरेंद्र चौधरी से है. यहां से बसपा के मौसमे आलम पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं.