लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्न काल के दौरान सदस्यों को दी सलाह, 'न करें आपस में बातचीत'
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लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्न काल के दौरान सदस्यों को दी सलाह, 'न करें आपस में बातचीत'

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के माननीय सदस्यों को आपस में बातचीत नहीं करने की सलाह दी.

ओम बिरला लोकसभा के अध्यक्ष हैं.

नई दिल्लीः संसद की कार्यवाही के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के माननीय सदस्यों को आपस में बातचीत नहीं करने की सलाह दी. शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने सदस्यों को संक्षिप्त सवाल पूछने और लंबी पृष्ठभूमि नहीं जोड़ने की कई बार सलाह दी. उन्होंने सदस्यों से बीच-बीच में आपस में बातचीत भी नहीं करने को कहा. 

नई लोकसभा में जब कौशल किशोर ने पहला पूरक प्रश्न पूछा तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय मंत्रियों की सराहना करनी शुरू कर दी. इस पर बिरला ने उनसे सवाल पर सीधे आने और वृक्षारोपण के बारे में पूरक प्रश्न पूछने को कहा. 

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद जब तीन तलाक संबंधित विधेयक पेश कर रहे थे तो बिरला ने सदस्यों से आपस में बातचीत नहीं करने को कहा. इसके बावजूद जब विपक्ष के कुछ सदस्य बातचीत करते रहे तो उन्होंने कहा कि वह ऐसे सदस्यों का नाम लेकर बुलाने को मजबूर हो जाएंगे.

अध्यक्ष ने पहले कांग्रेस सदस्य शशि थरूर और फिर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम लेकर उनसे अन्य सदस्यों से बातचीत नहीं करने को कहा.

बहरहाल, कुछ सदस्यों को यह बात रास नहीं आयी. एक सदस्य ने कहा कि हम निर्वाचित सदस्य हैं. यह भी कहते सुना गया ‘‘यह प्राथमिक विद्यालय नहीं है.’’ 

तीन तलाक विधेयक को सदन में पेश किए जाने के विरोध में मत विभाजन की मांग कर रहे एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि ‘‘प्रक्रियाओं से सहमति न जताकर आसन नियमों का उल्लंघन कर रहा है.’’

(इनपुटः भाषा)

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