Bhagwant Mann: पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने नए साल के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कांग्रेस के अंत तक की भविष्यवाणी कर दी. मान ने कहा कि सबसे छोटी कहानी जो दिल्ली या पंजाब में एक मां अपने बच्चे को सुना सकती है, वह है 'एक थी कांग्रेस'.


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सीट बंटवारे पर फंसेगा पेच


गौर करने वाली बात यह है कि लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पंजाब में सीट बंटवारे पर बात करने की तैयारियों में जुटी है. लेकिन सीएम मान के इस बयान और कड़ी आलोचना के बाद पंजाब में कांग्रेस के लिए सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है. इसे कांग्रेस के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है. इंडिया अलायंस में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भले ही साथ हैं लेकिन पंजाब में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों में रार जरूर देखने को मिल सकती है.



भगवंत मान के बयान से कांग्रेस को झटका


भगवंत मान के बयान के आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस के साथ सीटें साझा करने की अनिच्छा के रूप में देखा जा रहा है. दोनों राज्यों में कुल मिलाकर 21 लोकसभा सीटें हैं. कांग्रेस दोनों राज्यों में पूरी तरह से हाशिए पर है. वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो 2019 के आम चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था.


सीटों पर अभी तक कोई सहमति नहीं


मान आखिरी सांसद थे, जिन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी. संगरूर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरमेल सिंह हार गए. दिल्ली में AAP सभी आठ सीटें बीजेपी से हार गई थी. जबकि विपक्षी गुट इंडिया भाजपा के खिलाफ आमने-सामने की लड़ाई के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है, बंगाल, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में कांग्रेस को कितनी प्रतिशत सीटें दी जाएंगी, इस पर अभी तक कोई सहमति नहीं है.


ममता बनर्जी भी रख चुकी हैं अपनी बात


पिछले हफ्ते, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया था कि तृणमूल कांग्रेस राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से किसी को भी कांग्रेस के साथ साझा करने का इरादा नहीं रखती है. सीएम ममता ने एक सभा में कहा था कि इंडिया गठबंधन पूरे देश में होगा. बंगाल में, तृणमूल लड़ेगी और भाजपा को हराएगी. याद रखें, बंगाल में केवल तृणमूल ही भाजपा को सबक सिखा सकती है, कोई अन्य पार्टी नहीं.


शिवसेना को कैसे मनाएगी कांग्रेस?


महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी ने भी कांग्रेस के साथ सीटें साझा करने में अपनी अनिच्छा का संकेत दिया है. संजय राउत ने हाल ही में कहा था कि यह महाराष्ट्र है, और शिवसेना यहां की सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. उद्धव ठाकरे राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल सहित कांग्रेस के निर्णय लेने वाले नेताओं के साथ सकारात्मक चर्चा कर रहे हैं.