Instagram ने भगवान Shiv के हाथ में दिखाया वाइन से भरा ग्लास, भावनाएं आहत करने का केस दर्ज
मनीष सिंह का कहना है कि इस स्टिकर को बनाने का मकसद हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाना है. इस हरकत के लिए इंस्टाग्राम के CEO और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा,`इससे पहले भी इंस्टाग्राम पर मौजूद कई आपत्तिजनक स्टिकर्स को लेकर शिकायत की जा चुकी है.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम (Instagram) के खिलाफ भगवान शिव (Lord Shiva) को अपमानजनक तरीके से दिखाने के आरोप में दिल्ली में FIR दर्ज कराई गई है. कंपनी पर हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने का आरोप है. पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में इंस्टाग्राम के सीईओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि इंस्टाग्राम पर शिव की-वर्ड सर्च करने पर शिव की तस्वीर को गलत तरीके से दिखाया गया है.
हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप
बीजेपी से जुड़े मनीष सिंह का कहना है कि इस स्टिकर को बनाने का मकसद हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाना है. इस हरकत के लिए इंस्टाग्राम के CEO और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा,'इससे पहले भी इंस्टाग्राम पर मौजूद कई आपत्तिजनक स्टिकर्स को लेकर शिकायत की जा चुकी है. अगर कंपनी ने सार्वजनिक माफी नहीं मागी तो कंपनी के खिलाफ व्यापक धरना प्रदर्शन किया जाएगा.'
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सोशल मीडिया कंपनियों का विवादों से पुराना नाता
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जब सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनियों और ई कॉमर्स वेबसाइट पर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है. हाल ही में अमेजन पर कर्नाटक के झंडे के रंग वाली बिकिनी बेची जा रही थी, जिसके बाद आपत्ति जाहिर की गई, फिर उसे हटाया गया.
उससे ठीक पहले गूगल में कन्नड भाषा को सबसे भद्दी भाषा बताया गया था. उसके बाद कर्नाटक के मंत्री ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कन्नड मूल के लोगों से माफी मांगने की मांग की थी. विवादों की ये लिस्ट काफी लंबी है. इससे पहले भगवान की फोटो लगे पायदान की खबर से भी विवाद हुआ था.
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भारत में नए आईटी कोड को लेकर विवाद जारी
भारत सरकार ने देश में नया आईटी कोड लागू किया है. मामला अदातल तक पहुंच चुका है. वहीं ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सरकार से विवाद चल रहा है. इन नए नियमों को मानने के बजाए इन कंपनियों ने इस पर आपत्ति जताई है, हालांकि सरकार का रुख है कि सभी को देश का कानून मानना ही होगा. इससे पहले उपराष्ट्रपति और RSS यानी संघ के कई नेताओं के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाने के मामले को भी इसी विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा था.
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