उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम बदले जाने की मांग के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'हम नाम बदलने के पहले पूर्व घोषणा नहीं करते हैं. जब करना होगा तो दमदार तरीके से ही करेंगे.'


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एक चैनल से हुई बातचीत में यूपी के सीएम ने कहा,  ‘लखनऊ की पहचान पौराणिक भी है और ऐतिहासिक भी है. इसका नाम अभी लखनऊ ही रहेगा.’


बीजेपी सांसद ने की नाम बदलने की मांग
बता दें बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर लखनऊ का नाम लखनपुर या लक्ष्मणपुर करने की मांग की है. उनका कहना है कि 18वीं सदी में नवाब असफुद्दौला ने इस शहर का नाम बदलकर लखनऊ कर दिया था.


प्रतापगढ़ से सांसद गुप्ता ने दावा किया कि भगवान राम ने यह नगर अपने भाई लक्ष्मण को सौंपा था और इसे लखनपुर या लक्ष्मणपुर के नाम से जाना जाता था.


लखनऊ की पहचान पुरानी रही है
लखनऊ का नाम लखन पासी के नाम पर रखने के सुझाव पर सीएम योगी ने कहा, ‘लाखन पासी एक पराक्रमी राजा थे. यहां बिजली पासी भी थे, वे भी अच्छे पराक्रमी राजा थे. लखनऊ की परंपरा पुरानी और ऐतिहासिक रही है. बेगम जहरत महल 1857 के क्रांति की बहुत बड़ी वीरांगना थीं. उन्होंने उस समय ब्रिटिश के खिलाफ आजादी की लड़ाई में प्रमुख भुमिका निभाई थी. लेकिन अगर हम उससे पहले भी जाएं तो लखनऊ की पहचान पुरानी रही है.’


स्वामी प्रसाद मौर्य ने की थी मांग
बता दें सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में यह बयान दिया था कि लखनऊ राजा लाखन पासी की धरती रही है. उनकी राजधानी रही है. लखनऊ का नाम लाखन पासी की पत्नी लखनावती के नाम पर रखा गया था. उन्होंने कहा कि अगर लखनऊ का नाम बदलना है तो राजा लाखन पासी के नाम पर रखिए क्योंकि लक्ष्मण का कोई योगदान नहीं है.


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