#MadeInIndia: चीन पर निर्भरता खत्म होगी तो आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा
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#MadeInIndia: चीन पर निर्भरता खत्म होगी तो आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा

केंद्र सरकार द्वारा टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा देने के बाद अब लोगों का रूझान मेड इन इंडिया ऐप्स की ओर काफी बढ़ने लगा है. 

#MadeInIndia: चीन पर निर्भरता खत्म होगी तो आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद के बाद से ही देश में लगातार चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग उठ रही है. देश का बच्चा हो या बूढ़ा हर कोई एक सुर में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग कर रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 ऐप्स पर बैन लगाकर चीन को बड़ा संदेश दे दिया है कि भारत अगर दोस्ती निभाना जानता है तो आंख दिखाने वाले को सबक सिखाना भी जानता है. 

केंद्र सरकार द्वारा टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा देने के बाद अब लोगों का रूझान मेड इन इंडिया ऐप्स की ओर काफी बढ़ने लगा है. ऐसे में अब जब चीन पर हमारी निर्भरता खत्म हो जाएगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

मेड इन इंडिया ऐप्स की चांदी
टिकटॉक के बंद होने से सबसे ज्यादा फायदा मेड इन इंडिया चिंगारी ऐप को हुआ है. सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक करीब 30 लाख लोगों ने इस ऐप को डाउनलोड कर लिया था. यहां तक की दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी इस ऐप को डाउनलोड किया है. इस ऐप को बेंगलुरु स्थित प्रोग्रामर बिस्वत्मा नायक और सिद्धार्थ गौतम ने पिछले साल बनाया था, यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर शीर्ष स्थान पर चल रहा है.

भारत में ऐप्स का बाजार
चीन की ये डिजिटल विस्तारवादी नीति भारत जैसे देशों के लिए सिर्फ सुरक्षा के नजरिए से ही खतरा नहीं है. बल्कि इससे स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों को भी नुकसान हो रहा था. भारत के मोबाइल ऐप मार्केट में चाइनीज ऐप्स की घुसपैठ पिछले कुछ वर्षों में बहुत बढ़ गई थी. हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. मोबाइल ऐप डाउनलोड के मामले में 2017 में टॉप 100 ऐप्स में सिर्फ 18 चाइनीज ऐप्स थे, लेकिन 2018 में टॉप 100 ऐप्स में चाइनीज ऐप्स बढ़कर 44 हो गए.

हिंदी चीनी बाय बाय
चीन के खिलाफ भारत के लोगों में काभी गुस्सा है. आपको याद दिला दें कि 18 जून को Zee News ने हिंदी चीनी बाय बाय की मुहिम शुरू की थी उसे पूरे देश से जबरदस्त समर्थन मिला. पूरे देश में चीन में बने सामानों और चीन की नीतियों का विरोध शुरू हो गया. इतना ही नहीं सरकार ने चीन की कंपनियों को दिए गए टेंडर्स भी वापस लेने शुरू कर दिए हैं. 

चीन का सामान या देश का सम्मान
आज चीन ने भारत के घर-घर में अपनी घुसपैठ बना ली है. स्मार्टफोन से लेकर बच्चों के खिलौने तक चीन से आ रहे हैं. ऐसे में स्वदेशी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. अब आप सबको ये तय करना है कि आपके लिए चीन का सामान ज्यादा जरूरी है या देश का सम्मान. 

हमें ये याद रखना होगा कि सामान हम भारी डिस्काउंट पर तो खरीद सकते हैं लेकिन सम्मान बेशकीमती होता है और इसे कड़ी मेहनत और पुरुषार्थ के दम पर ही हासिल किया जा सकता है. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत के लोगों ने ब्रिटेन में बने कपड़ों की होली जलाई थी और इसने ब्रिटिश साम्राज्य को कड़ा संदेश दिया था. 

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