विधायक पद से इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सबसे पहले 21 अप्रैल को तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने मंत्री पद की शपथ ली थी. ऐसे में अब 21 अक्टूबर तक विधानसभा के लिए निर्वाचित न होने पर दोनों नेताओं को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.
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भोपाल: शिवराज सरकार में सिंधिया खेमे से आने वाले 2 मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ सकता है. 21 अक्टूबर तक विधानसभा सदस्य निर्वाचित न होने पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को इस्तीफा देना पड़ सकता है. दरअसल, मंत्री पद की शपथ लेने के 6 महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य चुना जाना जरूरी है, लेकिन कोरोना काल में अब तक उपचुनाव नहीं हो पाए हैं.
विधायक पद से इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सबसे पहले 21 अप्रैल को तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने मंत्री पद की शपथ ली थी. ऐसे में अब 21 अक्टूबर तक विधानसभा के लिए निर्वाचित न होने पर दोनों नेताओं को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.
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विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि दोनों मंत्रियों का 6 माह का कार्यकाल 21 अक्टूबर को पूरा हो रहा. बिना विधानसभा की सदस्यता के नेता 6 महीने तक ही मंत्री पद पर काबिज रह सकता है. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर दोनों नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी. विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है नहीं तो 6 माह पूरा होते ही मंत्री पद चला जाएगा.
विधानसभा के प्रमुख सचिव के अनुसार, विधानसभा का सदस्य न होने के बावजूद पूर्व विधायक जो मंत्री बने हैं वह सत्र में भाग ले सकते हैं. लेकिन विधानसभा का सदस्य न होने की वजह से वह मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते हैं. 27 विधानसभा सीट वर्तमान में रिक्त हैं जिन पर चुनाव होना है.
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