बहन को बचाने के लिए हाथी से टकरा गई थी 7 साल की कांति, मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
topStories1rajasthan491488

बहन को बचाने के लिए हाथी से टकरा गई थी 7 साल की कांति, मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

सात वर्षीय कांति ने साहस का परिचय दिया और हाथियों के बगल से गुजरकर अपनी बहन को सही सलामत घर से बाहर निकाल लाई. 

बहन को बचाने के लिए हाथी से टकरा गई थी 7 साल की कांति, मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

(सुशील कुमार)/बिलासपुरः सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के हाथी प्रभावित मोहनपुर गांव में तीन साल की मासूम बहन को हाथियों से बचाने के लिए जान की बाजी लगाने वाली सात साल की कांति को वीरता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा. गणतंत्र दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जाएगा. सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के कई गांव हाथी प्रभावित क्षेत्र है. इनमें से मोहनपुर गांव भी हाथियों के विचरण क्षेत्र के नजदीक बसा है. बीते 17 जुलाई 2018 को हाथियों का दल मोहनपुर जंगल से निकलकर बस्ती के नजदीक पहुंच गया था. 

छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मिले 2 राष्ट्रीय पुरस्कार

मोहनपुर के भंवरापारा में प्रवेश करते ही हाथियों ने घरों को क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया था. घर के सामने का हिस्सा तोड़ते हुए पीछे दरवाजे को तोड़कर बाड़ी में प्रवेश किया था. तीन हाथी बाड़ी में लगे मक्का व दूसरी फसलों को बर्बाद करने लगे थे. इसी दौरान कांति का  परिवार दूसरे रास्ते से बाहर निकलने लगा. जल्दबाजी और दहशत के बीच हड़बड़ी में परिवार के माता-पिता घर में मौजूद तीन साल की मासूम बालिका सोनिया को बाहर साथ ले जाना भूल गए. जिसके बाद सात वर्षीय कांति ने साहस का परिचय दिया और हाथियों के बगल से गुजरकर अपनी बहन को सही सलामत घर से बाहर निकाल लाई. 

हाथियों ने कर दिया घर पर हमला, घबराई नवविवाहिता ने छोड़ दिया ससुराल

बता दें हाथियों ने उस रात मोहनपुर में जमकर तबाही मचाई थी. कई घरों को तोड़ने, फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ मवेशियों को भी हाथियों ने घायल कर दिया था. सुबह होने से पहले हाथी नजदीक के जंगल में प्रवेश कर गए थे. अगले दिन सुबह कांति के अदम्य साहस की खबर मोहनपुर गांव से निकलकर लखनपुर व उदयपुर तक पहुंच गई थी. वहीं अब कांति को वीरता पुरुस्कार मिलने से भी आस-पास के लोग काफी खुश हैं.

असम: जंगली हाथियों ने मचाया उपद्रव, चाय बागान में काम कर रहे मजदूर को रौंदा

बहरहाल, इस साल कांति सहित छत्तीसगढ़ के कुल सात बहादुर बच्चों को गणतंत्र दिवस के मौके पर वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा. इनमें से कांति सहित चार बच्चों को राष्ट्रीय वीरता सम्मान और तीन बच्चों को राज्य वीरता सम्मान से नवाजा जाएगा. राज्य बाल कल्याण परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की समिति की अनुशंसा पर इन बहादुर बच्चों का चयन किया गया है.

Trending news