डिप्टी कलेक्टर राहुल चौहान के औचक निरीक्षण के दौरान बच्चों और ग्रामीणों ने बताया कि पिछले लंबे वक्त से स्कूल इसी तरह संचालित हो रही है.
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राकेश जायसवाल/खरगोन: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) में बच्चों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ की पोल उस वक्त खुली जब डिप्टी कलेक्टर औचक निरीक्षण करने एक स्कूल में जा पहुंचे. स्कूल में टीचर की भूमिका निभा रहे शख्स से पूछताछ की गई तो डिप्टी कलेक्टर के होश फाख्ता हो गए. पता चला कि सरकारी टीचरों ने 8वीं फेल शख्स को किराए पर स्कूल की जिम्मेदारी दे रखी है.
पूरा मामला खरगोन जिले की देवली के प्राथमिक स्कूल किराडया फाल्या का है. जहां सरकारी टीचरों ने ही एक 8वीं फेल शख्स को पढ़ाने के लिए स्कूल दे दिया. सरकारी टीचरों की ओर से शख्स को 4 हजार की तनख्वाह भी दी जा रही थी.
किराड़या फाल्या प्राथमिक स्कूल में 23 बच्चे पढ़ने आते हैं. स्कूल में दो टीचर पदस्थ हैं, झबर सिंह चौहान और रामेश्वर रावत. दोनों ड्यूटी पर महीनों-महीनों नहीं आते हैं. दोनों महीने में एक बार आकर रजिस्टर पर दस्तखत कर चले जाते हैं.
गांव में स्कूल खुलती रहे और बच्चों की पढ़ाई होती रहे इसलिए सरकारी टीचर रामेश्वर रावत ने गांव के ही 8वीं फेल दयाल सिंह को चार हजार रुपए की तनख्वाह पर स्कूल संचालित करने के लिए रख लिया.
डिप्टी कलेक्टर राहुल चौहान के औचक निरीक्षण के दौरान बच्चों और ग्रामीणों ने बताया कि पिछले लंबे वक्त से स्कूल इसी तरह संचालित हो रही है.
वहीं, इस पूरे प्रकरण पर डिप्टी कलेक्टर राहुल चौहान ने पंचनामा बनाकर कार्रवाई कर दी है. वह अपनी रिपोर्ट कलेक्टर खरगोन गोपालचंद्र डाड को सौपेंगे.