रायपुरः पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की याचिका पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया है. जिस पर कोर्ट ने भूपेश बघेल को 1 मार्च को कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं, जिसकी सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल करेंगे. बता दें अजय चंद्राकर ने अपनी याचिका में कहा था कि पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मंच पर उनके व्यक्तित्व और नीयत पर सवाल उठाते हुए उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है. सीएम भूपेश बघेल के बयान पर आपत्ति जताई थी और कोर्ट में मानहानि का दावा पेश किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

छत्तीसगढ़: सुरक्षा बलों पर बड़े हमले की फिराक में नक्सली, खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट


क्या है मामला
दरअसल, करीब आठ महीने पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव में एनएसयूआई के एक सम्मेलन में प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते पहुंते थे. जहां उन्होंने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'जिस भी बेटी बचाओ कार्यक्रम में अजय चंद्राकर हों, वहां माता-पिता अपनी बेटियों को ना भेजें.' जिसके बाद एक स्थानीय अखबार ने भूपेश बघेल के इस बयान को अपनी हेडलाइन बनाया था.


CG: 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' को लेकर बोले CM भूपेश बघेल- ये अभिव्यक्ति की आजादी


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान को आधार बनाते हुए ही चंद्राकर ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि इस तरह की बयानबाजी करके भूपेश बघेल उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'उन्हें लेकर बघेल ने बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जो मीडिया में भी चल रही है.' जिसके बाद चंद्राकर ने कोर्ट में मानहानिक की याचिका लगाई, जिसपर लंबी सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने मानहानि का अपराध मानकर परिवाद पंजीयन करके धारा 204 सीआरपीसी और आईपीसी की धारा 500 के तहत पंजीबद्ध मानहानि का केस संज्ञान में लिया है. बता दें इस मामले में कोर्ट ने 1 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं.