अंबिकापुर: कांग्रेस के टीएस सिंह देव 2008 से लगातार जीत रहे हैं चुनाव
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अंबिकापुर: कांग्रेस के टीएस सिंह देव 2008 से लगातार जीत रहे हैं चुनाव

कांग्रेस से विधायक दल के नेता टीएस सिंह देव के खिलाफ बीजेपी ने अनुराग सिंह मैदान में हैं.

(फोटो साभार टीएस बाबा फेसबुक)

अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर विधानसभा राजनीतिक लिहाज से बेहद अहम है. 2008 और 2013 में भले ही बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही हो, लेकिन इस सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, 2003 के चुनाव में बीजेपी की जीत हुई थी. इस बार कांग्रेस से विधायक दल के नेता टीएस सिंह देव मैदान में हैं, जबकि बीजेपी के टिकट पर अनुराग सिंह मैदान में हैं. बसपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस गठबंधन की तरफ से सीताराम दास (BSP) से मैदान में हैं. बता दें, अगर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतती है तो टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं.

अंबिकापुर छत्तीसगढ़ का विकसित शहर है. यहां रेल कनेक्टिविटी, बड़े स्कूल के अलावा कई अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं. हालांकि, जीविका का मुख्य साधन खेती ही है. यहां करीब 40 फीसदी इलाका कृषि के लिए है. इसलिए, यहां जो किसानों को अपने साथ कर लिया, वह चुनाव जीत जाता है.

अंबिकापुर विधानसभा सरगुजा जिले और सरगुजा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस जिले में विधानसभा की तीन सीटें- लुण्ड्रा, अंबिकापुर और सीतापुर है. फिलहाल, तीनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. बीजेपी की नजर इस तीनों सीटों पर है. हालांकि, सरगुज संसदीय सीट पर बीजेपी का कब्जा है. 2003 में विधायक रह चुके कमल भान सिंह फिलहाल इस सीट से सांसद हैं.

साक्षरता 88.29 फीसदी है, जबकि राज्य की साक्षरता 70.28 फीसदी है. कुल आबादी में 79 फीसदी आबादी हिंदुओं की है. 11.46 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है.

2013 चुनाव के नतीजे
2013 चुनाव में यह सीट जनरल कैटेगरी के लिए थी. कांग्रेस के टीएस बाबा ने बीजेपी के अनुराग सिंह देव को हराया था. टीएस बाबा को 84,668 और अनुराग सिंह को 65,110 वोट मिले थे.

2008 चुनाव के नतीजे
2008 में भी यह सीट जनरल कैटेगरी के अंतर्गत आती थी. उस चुनाव में भी कांग्रेस के टीएस बाबा ने कांग्रेस के अनुराग सिंह को हराया था. टीएस बाबा को 56,222 और अनुराग सिंह को 55,274 वोट मिले थे.

2003 चुनाव के नतीजे
2003 के चुनाव में यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित थी. इस चुनाव में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी के कमल भान सिंह ने कांग्रेस के मदन गोपाल सिंह को हराया था. कमल भान सिंह को 65,812 और कांग्रेस के मदन गोपाल को केवल 28,590 वोट मिले थे.

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