भोपाल: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने अपने पद से हटाए जाने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए घोषणा कर दी है कि वह लोकसभा और विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे. संगठन में काम करते रहेंगे. मतलब साफ है कि कमलनाथ की ताजपोशी के बाद अरुण यादव एआईसीसी से नाराज हैं. अरुण यादव से जब यह पूछा गया कि उन्हें कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की सूचना कब मिली? इस पर अरुण यादव का जवाब था उन्हें दोपहर 12:00 बजे प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की खबर मिली है. जाहिर है कमलनाथ की ताजपोशी की खबर अरुण यादव को भी एआईसीसी ने नहीं दी थी. अरुण यादव ने कहा कि दिल्ली जाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलूंगा, आगे की भूमिका वही तय करेंगे. अरुण यादव ने कहा कि कमलनाथ की अगुवाई में काम करेंगे. सरकार को हर स्तर पर घेरेंगे. कार्यकर्त्ता रहा हूं, कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा. अरुण यादव मध्य प्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं. यूपीए सरकार अरुण यादव मंत्री भी रहे हैं. वर्तमान में कांग्रेस के बड़े ओबीसी नेता हैं.  


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उन्होंने कमलनाथ को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी और राहुल गांधी का आभार माना. उन्होंने कहा कि पार्टी ने साढ़े चार साल तक इस पद पर रहकर पार्टी के लिए काम करने का मौका दिया, जिसके लिए वह पार्टी हाईकमान के आभारी हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कमलनाथ पार्टी के वरिष्ठतम नेता हैं, उनके अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा और ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने से भी पार्टी फायदे में रहेगी. 


अनुभवी और युवा का समन्वय
साल के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए 'करो या मरो' की लड़ाई बन चुका है, यही कारण है कि पार्टी हाईकमान ने पार्टी की राज्य इकाई में बड़ा बदलाव किया है और 15 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए अनुभवी और युवा के समन्वय का फॉर्मूला बनाया है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा, "कमलनाथ कोई राज्य सतरीय नेता नहीं, बल्कि देश में कांग्रेस का जाना-पहचाना चेहरा हैं. कांग्रेस को नया अध्यक्ष और प्रचार समिति का चेयरमैन मिलने से नई ऊर्जा आएगी. कार्यकर्ता और पार्टी मिलकर इस भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकेंगे."


लंबी जद्दोजहद और विचार-मंथन के बाद बड़ा बदलाव
कांग्रेस हाईकमान ने लंबी जद्दोजहद और विचार-मंथन के बाद बड़ा बदलाव किया है. प्रदेश अध्यक्ष की कमान कमलनाथ को सौंपी है तो चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को बनाया गया है. कमलनाथ एक अनुभवी राजनेता हैं, नौ बार सांसद और कई बार केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्हें मैनेजमेंट का मास्टर माना जाता है. दूसरी ओर, युवा सांसद ज्योतिरादित्य को प्रचार अभियान समिति की कमान सौंपी दी गई है, जो युवाओं की पसंद हैं. उनकी आक्रामकता और जोश कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास जगाता है. पिछले दिनों उनकी अगुवाई में ही कांग्रेस ने राज्य में दो विधानसभा उपचुनाव जीते हैं.