7 साल, 12 जगह और कई अफसर, 'धनकुबेर' के कई राज खुलने हैं बाकी, 5 एजेंसियां कर रही हैं जांच
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7 साल, 12 जगह और कई अफसर, 'धनकुबेर' के कई राज खुलने हैं बाकी, 5 एजेंसियां कर रही हैं जांच

MP News-आईटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की काली कमाई का खुलासा होने के बाद भी यह पता नहीं चल पाया है कि उसने किस तरह से संपत्ति बनाई थी. सौरभ शर्मा केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं लेकिन घोटाले को किस तरह से अंजाम दिया गया है इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है.

7 साल, 12 जगह और कई अफसर, 'धनकुबेर' के कई राज खुलने हैं बाकी, 5 एजेंसियां कर रही हैं जांच

Saurabh Sharma Case: RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल करोड़पति सौरभ शर्मा के मामले में एक बार फिर बड़ा खुलासा हुआ है. सौरभ ने नौकरी से वीआरएस लेने से पहले 12 अलग-अलग दफ्तरों और चेक पाइंट पर 18 अफसरों और कर्मचारियों के साथ काम किया है. सौरभ शर्मा दो बार ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के ऑफि में पदस्थ रहा. 

वहीं जिन अफसरों और कर्मचारियों के साथ सौरभ ने काम किया उसमें परिवहन आयुक्त से लेकर प्रधान आरक्षक कैडर तक के कर्मचारी शामिल हैं. 

विधायक ने मांगी थी जानकारी
विधानसभा में सौरभ शर्मा का मामला जमकर उछला था. विधानसभा में कांग्रेस विधायक महेश परमार ने परिवहन मंत्री से जानकारी मांगी थी कि सौरभ शर्मा के कार्यकाल में उसकी पोस्टिंग कहां-कहां की गई थी?, पोस्टिंग के स्थान, हर पोस्टिंग की अवधि और उसकी रिपोर्टिंग किसी अधिकारी की, सौरभ की नियुक्ति से लेकर अब तक प्रदेश में परिवहन आयुक्त कौन-कौन रहे. 

इसके अलावा भ्रष्टाचार रोकने के लिए वर्तमान में परिवहन चौकियों पर  जांच की प्रक्रिया पूर्व की प्रक्रिया से कैसे अलग है. इतने सालों में परिवहन विभाग के किसी भी आयुक्त और जिम्मेदार अफसर अवैध वसूली के किसी भी प्रकरण की मॉनिटरिंग नहीं कर सके. 

सदन में उठा था मामला
लोकायुक्त के छापे में करोड़ों रुपए और जंगल में मिली कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश के मामले में चर्चित सौरभ शर्मा को लेकर विधानसभा में सवाल उठे. विधानसभा में इस मामले पर किए गए सवालों के लिखित जवाब परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सदन में दिया.

इन अफसरों के साथ किया काम
परिवहन आयुक्त कार्यालय में 2016 से जनवरी 2017 तक अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) वीके सूर्यवंशी के यहां. परिवहन चेकपोस्ट प्राणपुरा में जनवरी 2017 से फरवरी 2017 तक प्रधान आरक्षक सगीर अहमद अंसारी के साथ. परिवहन चेकपोस्ट मुरैना में फरवरी 2017 से सितंबर 2017 तक सचदेव सिंह सिकरवार परिवहन निरीक्षक के साथ. परिवहन चेकपोस्ट नयागांव में परिवहन निरीक्षक योगेंद्र सिंह राणा, प्रवीण नाहर और दशरथ पटेल के साथ नवम्बर 2017 से अगस्त 2018 तक काम किया.

परिवहन चेक पोस्ट पिटोल में अगस्त 2018 से सितंबर 2018 तक परिवहन निरीक्षक तरुण पाल सिंह भदौरिया के साथ. परिवहन चेकपोस्ट कराहल व नहर में सितंबर 2018 से फरवरी 2019 तक प्रधान आरक्षक भरत सिंह रावत के साथ. परिवहन चेकपोस्ट चिरुला में फरवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक सहायक परिवहन उप निरीक्षक अनिल श्रीवास्तव के साथ. परिवहन चेकपोस्ट सिकंदरा में दिसम्बर 2019 से मई 2020 तक परिवहन निरीक्षक नवल किशोर बाथम और जगदीश प्रसाद उइके के साथ.

परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर में मई 2020 से फरवरी 2021 तक अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन अरविन्द सक्सेना के यहां. परिवहन चेकपोस्ट सौंसर में मार्च 2021 से जून 2021 तक परिवहन उप निरीक्षक रितु रघुवंशी और परिवहन निरीक्षक अजीत बाथम के साथ पदस्थ रहा. जिला परिवहन कार्यालय श्योपुर में जून 2021 से अक्टूबर 2021 तक सहायक जिला परिवहन अधिकारी अशोक बाबू कैबरे के साथ काम किया. अक्टूबर 2021 से जून 2023 तक सौरभ शर्मा ने क्षेत्रीय उप परिवहन आयुक्त कार्यालय भोपाल में संभागीय उप परिदहन आयुक्त अरुण कुमार सिंह और सहायक जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गौतम के साथ काम किया.

5 एजेसिंया कर रही हैं जांच 
सौरभ शर्मा के खिलाफ 5 अलग-अलग एजेंसियां जांच में जुटी हुईं हैं. लोकायुक्त, डीआरआई, ईडी, आईटी और पुलिस अलग-अलग पहलुओं पर जांच कर रही हैं. लेकिन फिर भी काली कमाई के बादशाह सौरभ शर्मा ने किस तरह से घोटाले को अंजाम दिया और सोना-कैश किसका है और कहां से आया इसको लेकर अभी तक भी खुलासा नहीं हो पाया है. 

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