टीचर ने 6वीं की मासूम पर जारी किया 'तुगलकी फरमान', होमवर्क नहीं किया तो खाने पड़े 168 थप्पड़
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टीचर ने 6वीं की मासूम पर जारी किया 'तुगलकी फरमान', होमवर्क नहीं किया तो खाने पड़े 168 थप्पड़

झाबुआ जिले के थांदला स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 में पढ़ने वाली एक छात्रा को सजा के तौर पर 168 थप्पड़ मारे गए हैं.

कक्षा 6 की एक छात्रा को होमवर्क न करने के बदले टीचर द्वारा 168 थप्पड़ की सजा दिए जाने का मामला सामने आया है.

सचिन जोशी, झाबुआ: कक्षा 6 की एक मासूम बच्ची को होमवर्क न करने की वह सज़ा मिली है जिसके बारे में सुनकर ही आप सिहर उठेगें. छात्रा को होमवर्क न करने के बदले टीचर द्वारा 168 थप्पड़ की सजा दिए जाने का मामला सामने आया है. मामला जिले के थांदला स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय का है. जानकारी के मुताबिक नवोदय विद्यालय की कक्षा 6 की एक छात्रा को यह सजा दी गई थी. शिक्षक के कहने पर कक्षा की ही अन्य 14 छात्राओं ने 6 दिनों तक छात्रा को सजा के तौर पर प्रतिदिन दो-दो थप्पड़ मारे. संस्था की इस मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से अनुष्का फिलहाल दहशत में है.

  1. छात्रा को होमवर्क न करने के बदले टीचर द्वारा 168 थप्पड़ की सजा दी गई.
  2. 14 बालिकाओं ने 28 थप्पड़ों के हिसाब से 6 दिनों में कुल 168 थप्पड़ मारे.
  3. जवाहर नवोदय विद्यालय का यह 'थप्पड़ कांड' पुलिस तक पहुंच गया है.

होमवर्क नहीं किया तो खाने पड़े 168 थप्पड़
जानकारी के मुताबिक झाबुआ जिले के थांदला स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 में पढ़ने वाली एक छात्रा को सजा के तौर पर 168 थप्पड़ मारे गए हैं. हैरानी वाली बात है कि यह सजा एक दिन नहीं... दो दिन नहीं... बल्कि पूरे 6 दिनों तक चली. छात्रा को 11 जनवरी से 16 जनवरी तक उसकी क्लास की 14 बालिकाओं ने प्रतिदिन 28 थप्पड़ों के हिसाब से 6 दिनों में कुल 168 थप्पड़ मारे हैं. इस सजा की वजह है छात्रा के बीमार होने के चलते वह अपना होमवर्क सही समय पर पूरा नहीं कर पाई थी. मामले का खुलासा तब हुआ जब लड़की को हताश ओर बीमार सा देख पिता ने उसकी शारीरिक जांच करवाई और परेशान होने की वजह पूछी. पिता को जब पूरी बात का पता चला तो अब जाकर गुरुवार को पुलिस को शिकायत की गई है.

सजा को 'फ्रेंडली पनिशमेंट' का नाम दिया गया
इस खबर की दिलचस्प बात यह है कि जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षकों ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत बनाये गए स्कूली बच्चों की पिटाई ना करने के नियम का नया विकल्प तलाश लिया है. उसी विकल्प का प्रयोग कक्षा 6 की पीड़ित छात्रा पर करते हुए खुद ना सजा देते हुए क्लास की ही अन्य 14 छात्राओं से सजा दिलवाई गई. यही नहीं सजा को 'फ्रेंडली पनिशमेंट' का नाम दिया गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल और सजा देने वाले शिक्षक अभी भी अपने कृत्य पर पछता नहीं रहे हैं बल्कि शान से बता रहे हैं कि उन्होंने ही सजा देने को कहा था. उन्हे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता है.

जवाहर नवोदय विद्यालय का यह 'थप्पड़ कांड' पुलिस तक पहुंचा
शिक्षक द्वारा ऐसे तुगलकी फरमान को सुनाकर एक छात्रा को थप्पड़ मारने की सजा दिए जाने की क्लास की बालिकाओं ने भी पुष्टि की है. छात्राओं के अनुसार होमवर्क ना करने पर एक छात्रा को टीचर के कहने पर उन्होंने थप्पड़ मारे थे. अब जवाहर नवोदय विद्यालय का यह 'थप्पड़ कांड' पुलिस तक पहुंच गया है. पीड़ित बालिका अनुष्का के पिता ने पुलिस थाने पहुंचकर मामले में जिम्मेदारों पर कारवाई की मांग की है. शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है.

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