प्रदेश में जितने भी कोविड केयर सेंटर हैं, उनमें से आधे केंद्रों को पोस्ट कोविड केयर के लिए रखा जाएगा. अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को भी यहीं पर रखा जाएगा.
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भोपाल/आकाश द्विवेदीः कोरोना महामारी ने वैसे ही शासन, प्रशासन से लेकर लोगों तक की नाक में दम कर दिया. ऐसे में ब्लैक फंगस जैसी बीमारियों ने स्वास्थ्य विभाग की धड़कनें भी बढ़ा दीं. मध्य प्रदेश में भी पिछले कुछ दिनों से इसके मरीज मिलने लगे हैं, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क हो गया.
प्रदेश का पहला स्टेपडाउन यूनिट शुरू
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने भोपाल के अशोकागार्डन में प्रदेश का पहला स्टेपडाउन यूनिट शुरू किया. स्वास्थ्य मंत्री ने आज अशोकागार्डन जाकर सेंटर का उद्घाटन किया, उन्होंने बताया की कम ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों को इस यूनिट में रखा जाएगा.
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इन मरीजों को मिलेगा फायदा
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोविड के बाद जिन मरीजों को कम ऑक्सीजन की जरूरत होगी या जिन्हें क्रिटिकल केयर की जरूरत नहीं होगी. ऐसे मरीजों को यहां फायदा मिलेगा, स्टेप डाउन अस्पतालों में कोविड सेंटर के मुकाबले काम का दबाव कम होगा. यहां कोविड से ठीक हुए मरीजों की काउंसलिंग भी की जाएगी. यहां प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों के सहयोग से स्टेपडाउन यूनिट को चलाया जाएगा.
कोविड केयर सेंटरों पर कम होगा दबाव
स्टेप डाउन कोविड केंद्रों की मदद से कोविड केयर सेंटरों पर दबाव घटेगा. मरीजों को स्टेपडाउन सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा, जिससे बेड खाली होंगे और उन्हें सहायता मिलेगी, जिन्हें केयर की जरूरत ज्यादा होगी. इन केंद्रों में मरीजों को योग कराया जाएगा, गुड फूड की आदत को विकसित किया जाएगा. इस नए प्रयोग से मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाई जाएगी.
बताया गया है कि प्रदेश में जितने भी कोविड केयर सेंटर हैं, उनमें से आधे केंद्रों को पोस्ट कोविड केयर के लिए रखा जाएगा. अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को भी यहीं पर रखा जाएगा.
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