मध्य प्रदेश : भूख से तड़पती दो साल की बच्ची ने दम तोड़ा
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मध्य प्रदेश : भूख से तड़पती दो साल की बच्ची ने दम तोड़ा

बच्ची को गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. 

मजदूर ने बताया कि ठेकेदार द्वारा पैसे नहीं देने के कारण उसके घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था

भोपाल : मध्य प्रदेश के भिंड में भूख से मौत की मामला सामने आया है. यहां दो दिन से भूखी दो साल की एक बच्ची ने दम तोड़ दिया. मृतका के पिता ने बताया कि वह मजदूरी करता है और कई दिनों से काम नहीं मिलने के कारण वह अनाज नहीं खरीद पाया. उधर, स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू करते हुए प्रभावित परिवार को 10 हजार की आर्थिक सहायता दी है.

  1. भिंड में दो दिन से भूखा था मजदूर का परिवार
  2. 20 दिन काम कराया, ठेकेदार ने नहीं दिए पैसे
  3. जिला प्रशासन ने दी 10,000 की आर्थिक मदद

जानकारी के मुताबिक, शिवपुरी निवासी कल्याण सिंह काम की तलाश में परिवार सहित भिंड आया था. कल्याण सिंह ने बताया कि एक ठेकेदार के यहां उसे मजदूरी का काम मिल गया. कल्याण ने बताया कि वह कई दिन मजदूरी करने गया, लेकिन ठेकेदार उसे पैसे नहीं दिए. उल्टा पैसे मांगने पर उसे काम से ही हटा दिया. काम और पैसा नहीं होने से वह अपने परिवार के लिए खाने का इंतजाम भी नहीं कर पाया था.

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पिछले दो दिनों से तो उसके पास अनाज का एक दाना तक नहीं था. भूखी होने के कारण उसकी दो साल की बच्ची की हालत बिगड़ने लगी. वह उसका इलाज भी नहीं करा सका और भूख से तड़पती बच्ची ने मंगलवार को दम तोड़ दिया. 

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जिलाधिकारी से लगाई गुहार
बताया जा रहा है कि पैसे नहीं मिलने से रविवार को कल्याण अपनी बीमार बच्ची को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय भी गया, लेकिन छुट्टी होने के कारण वहां उसे कोई नहीं मिला. कल्याण और उसके परिवार की हालत देखकर किसी ने जिलाधिकारी को फोन पर इसके बारे में सूचना दी. जिलाधिकारी ने एसडीएम को फौरन पीड़ित परिवार से मिलने के लिए भेजा. भिंड के एसडीएम संतोष तिवारी ने बताया कि उन्होंने बच्ची को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत ज्यादा खराब होने के कारण डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए. 

परिवार को आर्थिक मदद
बच्ची की मौत की खबर पर जिलाधिकारी ईलैया राजा टी. भी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवार को फौरन 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई और जिला अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केन्द्र में रहने के लिए आसरा दिया. जिलाधिकारी ने फौरन ही मामले की जांच के आदेश दिए और कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ क़ड़ी कार्रवाई की जाएगी. मजदूर कल्याण सिंह ने बताया कि ठेकेदार गांव से उस समेत 21 लोगों को मजदूरी के लिए लाया था. करीब 20 दिन काम कराया और बिना मजदूरी दिए काम से हटा दिया.   

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