अपराधों की जांच में आएगी तेजी, हर जोन में FSL यूनिट तैयार, कम हेगा रिस्पांस टाइम
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अपराधों की जांच में आएगी तेजी, हर जोन में FSL यूनिट तैयार, कम हेगा रिस्पांस टाइम

MP News-राजधानी भोपाल में अपराधों की फॉरेंसिक जांच में तेजी आएगी. चार जोन वाइज एफएसएल यूनिट टीमें तैयार हो गईं हैं, टीमों का फोकस अपने-अपने जोम कर रहेगा. 

 

अपराधों की जांच में आएगी तेजी, हर जोन में FSL यूनिट तैयार, कम हेगा रिस्पांस टाइम

Bhopal News-मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अपराधों की फॉरेंसिक जांच में अब तेजी आएगी. शहर के चार जोन वाइट एफएसएल यूनिट टीमें तैयार हो गई हैं. इन टीमों का फोकस अपने-अपने जोन पर रहेगा, अब तक शहर में सारी जिम्मेदारी एक मोबाइल यूनिट पर थी. चार यूनिट होने से सबसे बड़ा फायदा होगा कि रिस्पांस टाइम कम होगा. 

आदेश जारी होने के बाद 15 दिन बाद एफएसएल यूनिट अस्तित्व में आ गई हैं. 

फॉरेंसिक जांच पर फोकस ज्यादा
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण मिश्र ने बताया कि सभी यूनिट डीसीपी को रिपोर्ट करेंगी. प्रत्येक यूनिट में एक वैज्ञानिक और तीन सहयोगी दिए गए हैं. नए कानून में फॉरेंसिक जांच पर ज्यादा फोकस है. एफएसएल की चार यूनिट तेजी से गंभीर अपराधों की जांच करेंगी और इसका असर कन्विक्शन रेट पर दिखाई देगा. टीमें एविडेंस कलेक्शन के साथ-साथ सैंपलिंग के काम में तेजी लाएंगी. 

होंगे ये तीन बड़े फायदे
अभी तक एक ही एफएसएल यूनिट पूरे शहर में दौड़ती थी. चार यूनिट से वर्क लोड कम होगा, टीम समय पर घटनास्थल पहुंच सकेंगी. पुलिस को अब घटनास्थल पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इससे जांच में भी तेजी आएगी. राजधानी में हर रोज 4 से 5 ऐसे मामले आते हैं, जिनमें एफएसएल यूनिट की जरूरत होती है. कई मौकों पर एक ही टीम को तीन से चार जगह पर जाना पड़ा है. जिसकी वजह से जांच में देरी हुई. वहीं जांच की रिपोर्ट भी समय पर आने की संभावना बढ़ जाएगी, एविडेंस कलेक्शन और सैंपलिंग का काम समय पर पूरा होगा. 

आपस में ले सकेंगे मदद
कई बार एक ही जोन में एक या ज्यादा गंभीर घटनाएं होती हैं. ऐसे में वे दूसरे जोन की एफएसएल यूनिट की मदद ले सकेंगे. नए कनून में 7 साल या ज्यादा साल की सजा वाले अपराधों की जांच के लिए फॉरेंसिक जांच अनिवार्य की गई है. वहीं नाबालिगों की आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए एफएसएल जांच होती है. बता दें कि कई बार चोरी के बड़े मामलों की जांच के लिए भी एफएसएल टीम का सहयोग लिया जाता है. 

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