MP Education News: मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को किसी भी कार्यक्रम में रोल पेरेंट्स की अनुमति से ही देना होगा. किसी भी बच्चे को दूसरे वेशभूषा पहनने से पहले पेरेंट्स से अनुमति लेनी होगी. मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग और कलेक्टर्स से सिफारिश की है कि पेरेंट्स की अनुमति से ही दे बच्चों को स्कूल कार्यक्रम में रोल में शामिल किया जाए. किसी भी रोल और वेशभूषा पहनाने से पहले माता पिता की लिखित अनुमति ली जाए. सिफारिश में पिछले कुछ सालों में स्कूलों में आयोजन के दौरान मिली शिकायतों का हवाला दिया गया है.


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क्रिसमस पर स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इन कार्यक्रमों में बच्चों को सैंटा क्लॉस की वेशभूषा पहनाई जाती है. सैंटा क्लॉस को ईसाई धर्म का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस तरह के कार्यक्रमों को लेकर की हिंदू परिवारों को आपत्ती होती है. क्रिसमस पर पेरेंट्स की ओर से इस तरह की शिकायतें दर्ज कराई जाती हैं, जिनमें कहा जात है कि स्कूल की ओर से उन्हें सैंटा की ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. 


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पिछले साल भी आया था ऐसा आदेश
पिछले साल 2023 में भी क्रिसमस के दौरान मध्य प्रदेश के कई जिलों में कलेक्टर की ओर से आदेश जारी किए गए थे. जिनमें साफ कहा गया था कि पेरेंट्स की बिना अनुमति के स्कूल बच्चों को किसी तरह की वेशभूषा पहनने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. अगर ऐसा किया जाता है तो स्कूल प्रबंधंन पर कार्रवाई की जाएगी. बच्चों को कार्यक्रम का हिस्सा बनाने से पहले माता-पिता से लिखित में अनुमति लेना जरूरी होगा. 


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