यह योजना आयुष विभाग द्वारा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के सहयोग से चलाई जाएगी. इसके अलावा सरकार जनजातीय इलाकों में मनरेगा और अन्य योजनाओं का लाभ देने पर भी फोकस कर रही है.
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भोपाल/प्रमोद शर्माः प्रदेश की शिवराज सरकार आदिवासी समाज को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने पर फोकस कर रही है. यही वजह है कि सरकार देवारण्य नामक योजना ला रही है. इस योजना के तहत सरकार जनजातीय बहुल क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए आयुष आधारित गतिविधियों को बढ़ाने जा रही है.
सीएम शिवराज आज लेंगे बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दोपहर 3.30 बजे मंत्रालय में 'आयुष क्षेत्र में संभावनाएं' विषय पर बैठक लेंगे. बैठक में मुख्यतौर पर मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में लागू की जाने वाली आयुष आधारित आर्थिक उन्नयन योजना देवारण्य का प्रजेंटेशन और उस पर चर्चा होगी. बता दें कि देवारण्य योजना के तहत जनजातीय बहुल क्षेत्रों में औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती, उन पर आधारित उद्योग, दवा निर्माण, भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामीण और स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देना है.
इसके साथ ही सरकार द्वारा इस योजना के तहत स्व-सहायता समूहों को सशक्त करना, नर्सरी स्थापित करना आदि काम भी किए जाएंगे. यह योजना आयुष विभाग द्वारा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के सहयोग से चलाई जाएगी. इसके अलावा सरकार जनजातीय इलाकों में मनरेगा और अन्य योजनाओं का लाभ देने पर भी फोकस कर रही है.
अभी इन जिलों में होगी लागू
मध्य प्रदेश सरकार देवारण्य योजना को अभी प्रदेश के 5 जिलों में लागू करेगी. ये जिले हैं सतना, झाबुआ, बैतूल, होशंगाबाद और डिंडौरी.