अजब MP का गजब सरकारी विभाग, सीनियर अधिकारी के ऊपर कर दी जूनियर की पोस्टिंग
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अजब MP का गजब सरकारी विभाग, सीनियर अधिकारी के ऊपर कर दी जूनियर की पोस्टिंग

MP News: मध्यप्रदेश से एक अजीब मामला सामने आया है, जहां जल संसधान विभाग में जूनियर के नीचे सीनियर अधिकारी की पोस्टिंग कर दी, जैसे ही विभाग में यह जानकारी सामने आई तो आनन-फानन में फैसला निरस्त किया गया.

सीनियर के ऊपर कर दी गई जूनियर की तैनाती
सीनियर के ऊपर कर दी गई जूनियर की तैनाती

Bhopal News: मध्यप्रदेश के जल संसाधन विभाग में एक जूनियर इंजीनियर को अपने सीनियर इंजीनियर के ऊपर पोस्टिंग देने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले ही विभाग के इंजीनियर इन चीफ की तरफ से यह आदेश जारी किया गया था. हालांकि जैसे ही सीनियर के ऊपर जूनियर की पोस्टिंग का मामला विभाग के लोगों को पता चला तो इसका विरोध शुरू हो गया, जिससे आनन-फानन में अधिकारियों ने तुरंत ही यह आदेश वापस ले लिया. लेकिन तब तक यह मामला लोगों के लिए चर्चा का विषय बन चुका है. वहीं इसमे में जांच की बात भी कही गई है. 

भोपाल मंत्रालय का मामला 

दरअसल, जल संसाधन विभाग में विनोद कुमार देवड़ा जो इंजीनियर इन चीफ के पद पर तैनात है उनकी तरफ से यह आदेश आया था. जहां उन्होंने पूनमचंद्र ग्वालवंशी नाम के इंजीनियर को उच्च पद का प्रभार दे दिया, जबकि वह अभी प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर एवं एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, सेंट्रल मैकेनिकल यूनिट में पदस्थ हैं, उन्हें इंचार्ज डायरेक्टर, सेंट्रल मैकेनिकल यूनिट बनाया गया था. जबकि इसी यूनिट में इंजीनियर एचएस ठाकुर की तैनाती भी है, जो रेगुलर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं, जबकि ग्वालवंशी असिस्टेंट इंजीनियर थे फिर भी उन्हें प्रभार देकर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर बना दिया गया था. यानि एचएस ठाकुर को सीनियर होते हुए भी जूनियर ग्वालवंशी को रिपोर्ट करना पड़ता. 

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आनन-फानन में बदला फैसला 

जैसे ही इरिगेशन की बोदी शाखा में यह आदेश जारी हुआ तो सब हैरान रह गए, क्योंकि एक अधीक्षण यंत्री को कार्यपालन यंत्री के अधीन कर दिया गया था, ऐसे में इसका विरोध भी हुआ. वहीं विभाग के ऊपर लेवल में जैसे ही यह जानकारी पहुंची तो आनन-फानन में आदेश को निरस्त किया गया. वहीं विभाग के सीनियर अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आ रहे हैं, क्योंकि ऐसा कैसे हुए यह सब सोच में पड़े हैं. 

भले ही आदेश को तुरंत ही निरस्त कर दिया गया हो. लेकिन जिस तरह से सीनियर अधिकारी के ऊपर जूनियर अधिकारी पोस्टिंग की गई, उससे यह मामला चर्चा में जरूर बना हुआ है. क्योंकि जल संसाधन विभाग प्रदेश में अहम माना जाता है, उसके बाद भी यह मिस्टेक की गई थी. 

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