नई दिल्ली: युवाओं को रोजगार और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने वचन से इतर नौकरियों मे छटनी का सिलसिला शुरु कर दिया है. छत्तीसगढ़ के युवाओं को मौका देने की बात कहकर सरकार ने अलग-अलग विभागों मे प्लेसमेंट कंपनियो के जरिये भर्ती हुये हजारों कर्मचारियों को निकालने की तैयारी शुरु कर दी है. इसी के चलते पर्यटन विभाग मे काम करने वाले करीब तीन दर्जन से अधिक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सालों से अलग-अलग विभागों में काम करने वाले इन कर्मचारियों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारियों का कहना है कि हमने सालों तक सरकार को अपनी सेवाएं ये सोचकर नहीं दी थीं कि हम प्राइवेट कंपनी के जरिए आए हैं. 


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इनमें से कई तो ऐसे हैं जो सरकार के लिए एक दशक से अधिक अपना समय दे चुके हैं. अब उम्र गुजरने के कारण कही और नौकरी के लिए एप्लाय भी नहीं कर पा रहे हैं. आर्थिक तंगी के हालात से गुजर रही छग सरकार ने अपने खर्चे में कटौती करने के लिए ये कदम उठाया हैं, लेकिन सरकार इसका अलग ही तर्क दे रही है. सरकार के मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि छग के युवाओं को मौका देने के लिए इस तरह का निर्णय लिया गया है. आने वाले समय मे सरकार भर्तियां भी निकालने जा रही है. 


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हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने पर अब सियासत भी शुरु हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि सरकार भले ही ये दावा करे कि छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं है लेकिन युवाओं के साथ धोखा करके सरकार ने ये साबित कर दिया है कि सरकार बेहद माली हालात से गुजर रही है. चुनाव से पहले युवाओं को रोजगार देने का वादा झूठा साबित हुआ. हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता अपने मंत्री के सुर मे सुर मिलाकर युवाओं को मौका देने की ही बात कर रहे हैं.