बिजली कटौती वीडियो मामला: CM भूपेश बघेल बोले, 'हटाया जाएगा राजद्रोह का केस'
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बिजली कटौती वीडियो मामला: CM भूपेश बघेल बोले, 'हटाया जाएगा राजद्रोह का केस'

छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने पर एक युवक जेल पहुंच गया. पुलिस ने युवक पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था.

बिजली कटौती से संबंधित वीडियो शेयर करने पर राजनांदगांव के मुसरा डोंगरगढ़ के रहने वाले मांगेलाल अग्रवाल को राजद्रोह की धारा 124 ए के तहत गिरफ्तार किया गया है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती को लेकर एक वीडियो वायरल होने के बाद एक युवक पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. वहीं, अब इस मामले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया सामने आई है. भूपेश बघेल ने कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में राजद्रोह का मुकदमा नहीं लगना चाहिये था. हालांकि, उन्होंने कहा कि युवक पर अन्य धाराओं में कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि मैंने पूरे मामले पर डीजीपी से बातकर नाराजगी जाहिर की है. वहीं, बघेल ने जनता को नसीहत देते हुए कहा कि लोग भी अभिव्यक्ति के दौरान संयम बरतें. 

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि महासमुंद में एक पत्रकार पर भी इस तरह के मामले में अपराध दर्ज करने का पता चला है, उसे भी हटाया जायेगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने पर एक युवक जेल पहुंच गया. पुलिस ने युवक पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले के सामने आने के बाद सीएम बघेल ने राजद्रोह का मुकदमा हटाने के निर्देश जारी किए हैं. 

छत्तीसगढ़ः बिजली कटौती पर युवक ने सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट, पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्जकर भेजा जेल

दरअसल, बिजली कटौती से संबंधित वीडियो शेयर करने पर राजनांदगांव के मुसरा डोंगरगढ़ के रहने वाले मांगेलाल अग्रवाल को राजद्रोह की धारा 124 ए के तहत गिरफ्तार किया गया है. मांगेलाल को बिजली कंपनी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है. वहीं, मांगेलाल की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके केसरवानी का कहना है कि राज्य सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है. इस देश में हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है. ऐसे में सरकार का यह फैसला संविधान मूलधारणा के खिलाफ है. यह देश की जनता के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है.'

क्या है राजद्रोह के तहत आईपीसी की धारा 124 A 
धारा 124 A के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति सरकार विरोधी सामग्री लिखता है या बोलता है, ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, अपने लिखित या फिर मौखिक शब्दों या फिर छीन लो या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करता है, तो उसे आजीवन या 3 साल की सजा हो सकती है.

वहीं, छत्तीसगढ़ कांग्रेस का कहना है कि बिजली कटौती को लेकर भाजपा लगातार अफवाह फैलाने में जुटी हुई है. भाजपा का एक धड़ा यही काम कर रहा है. किसी भी प्रकार से बिजली को लेकर गलत जानकारी देते हुए अफवाह उड़ाना या उसे प्रचारित करना राज्य के खिलाफ माहौल बनाना है. शासन के खिलाफ इस तरह के अनैतिक कार्यों की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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