मृतक का शव गुरूवार रात से शुक्रवार दोपहर तक 2 बजे तक रखा रहा. जीआरपी पुलिस द्वारा देर रात की बात कहकर शव को मॉर्चरी हाउस मे रखने की जगह खुले मे ही रातभर रखने दिया.
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इटारसी: कोरोना के दौरान हॉस्पिटल मे शव के साथ लापहरवाही का कई मामले सामने आए थे, जहां चूहों ने शवों को कुतर डाला था. ऐसा ही एक मामला भोपाल मंडल के इटारसी जीआरपी का है जहां शव को बर्बरता पूर्वक खुले में रख दिया था. उसी रात में चूहों ने मृतक की दोनों आँखों को कुतर दिया.
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दरअसल घटना गुरूवार रात की है जहां आगरा निवासी युवक कर्नाटक एक्सप्रेस के एस 9 कोच की बर्थ नंबर 17 पर जितेंद्र सिंह (33 साल) पुत्र भीकम सिंह निवासी नागला ताज थाना बरहान आगरा अचेत अवस्था में मिले थे. ट्रेन रात 9:30 बजे ट्रेन प्लेटफार्म 1 पर आई थी. डॉक्टर्स ने जांच के बाद युवक को मृत घोषित किया जिसके बाद शव को उतारा लिया था और शव को जीआरपी परिसर के सामने ही बने कच्चे चबूतरे पर रख दिया गया था.
रात को अच्छी थी आंख
जीआरपी ने देर रात परिजनों के सूचना दी थी, तब परिजनों को मृतक की सही सलामत फ़ोटो भेजी थी लेकिन सुबह परिजनों ने शव को देखा तो मृतक की आँखे चूहे कुतर चुके थे. मृतक का पीएम कराने के बाद परिजन शव को आगरा ले गए. वहां परिजन ने जीआरपी की लाश रखने में लापरवाही की भी शिकायत की है.
जीआरपी की चूक
मृतक का शव गुरूवार रात से शुक्रवार दोपहर तक 2 बजे तक रखा रहा. जीआरपी पुलिस द्वारा देर रात की बात कहकर शव को मॉर्चरी हाउस मे रखने की जगह खुले मे ही रातभर रखने दिया. इस दौरान जीआरपी चौकी ने सबकी सुरक्षा के लिए चौकीदार भी लगाए गए थे लेकिन किसी ने देखने की कोशिश भी नहीं की और शव को इसी तरह रात भर खुले मे रखा रहा.
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रेलवे के पास मौजूद नही शव रखने की व्यवस्था
इटारसी स्टेशन से सैकड़ों की संख्या में ट्रेनों का आवागमन होता है, लेकिन इटारसी जीआरपी के पास शवों को रखने के लिए अलग से व्यवस्थाएं नहीं है और कई दफा ट्रेन मे लोगो की यात्रा के दौरान मौत हो जाती है. जिसके चलते जीआरपी शवों को खुले में ही रख देती है.
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