गले में गांठ का होना था ऑपरेशन, सर्जरी से पहले दिया इंजेक्शन, उठ ही नहीं पाई छात्रा
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गले में गांठ का होना था ऑपरेशन, सर्जरी से पहले दिया इंजेक्शन, उठ ही नहीं पाई छात्रा

cg news-बिलासपुर में इलाज में लापरवाही के चलते नर्सिंग छात्रा की मौत हो गई है. छात्रा के गले की थायराइड गांठ की सर्जरी से पहले एनेस्थेसिया दिया जिससे वह कोमा में चली गई और उसकी मौत हो गई. 

गले में गांठ का होना था ऑपरेशन, सर्जरी से पहले दिया इंजेक्शन, उठ ही नहीं पाई छात्रा

chhattisgarh news-छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां सर्जरी के दौरान एनेस्थेसिया देने से छात्रा की मौत हो गई. छात्रा के गले की थायराइड गांठ का ऑपरेशन होना था. सर्जरी से पहले उसे एनेस्थेसिया दिया गया, जिसके बाद वो कोमा में चली गई. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने सच्चाई बताने की वजह 2 दिनों तक उन्हें गुमराह किया. साथ ही किसी को भी मिलने तक नहीं दिया. 

 

जब परिजनों को घटना की जानकारी लगी तो गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और साथ ही पुलिस में भी शिकायत कर दी. 

 

नर्सिंग की छात्रा थी मृतका

मुंगेली के सिलदहा कि रहने वाली किरण वर्मा नर्सिंग कॉलेज में थर्ड ईयर की छात्रा थी. छात्रा के मामा ने बताया कि उनकी भांजी के गले में थायराइड की गांठ की शिकायत थी. जिसके इलाज के लिए डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी थी. 7 मार्च को सभी टेस्ट कराने के बाद शाम को ऑपरेशन के लिए ले जाया गया. 

 

एनेस्थेसिया देने के बाद बिगड़ी हालत 

सर्जरी से पहले एनेस्थेसिया दिया गया, जिसके बाद अचानक से हालत बिगड़ गई. वह झटके के साथ कोमा में चली गई. आनन-फानन में डॉक्टरों ने गले में छेद कर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया और उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया. इसके बाद किसी को भी इसकी जानकारी नहीं दी. परिजन अपनी बेटी से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें बाहर ही रखा गया. 

 

परिजनों को किया गुमराह

परिजनों का आरोप है कि दो दिन तक बेटी को आईसीयू में रखा गया. इस दौरान न तो उससे मिलने दिया गया और न ही किसी को जानकारी दी गई. अस्पताल में इलाज नहीं हुआ तो दूसरी जगह रेफर करना था. लेकिन अस्पताल वालों ने उन्हें सिर्फ गुमरहा किया. 10 मार्च की रात अचानक से अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बुलाकर सीधे मौत की सूचना दी. इसके बाद परिजन भड़क गए और अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया. 

 

एनेस्थेसिया देने वाले डॉक्टर का नाम नहीं बता रहे

छात्रा के पिता ने अस्पताल प्रबंधन पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने जब पूछा कि, ऑपरेशन से पहले किरण को एनेस्थेसिया किसने दिया? क्या वह डॉक्टर योग्य था? क्या अस्पताल में प्रशिक्षित एनेस्थेटिस्ट मौजूद था? इस पर अस्पताल प्रशासन स​च्चाई छिपाते हुए कोई जवाब नहीं दे रहा है. अस्पताल में हंगामा होने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और माहौल संभालने की कोशिश की. परिजन की मांग पर शव का पोस्टमॉर्टम वीडियोग्राफी के साथ कराया गया. 

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