Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का एकमात्र मेंटल-हॉस्पिटल फिलहाल बदहाल है, बिलासपुर में बने इस अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हेल्थ सेक्रेटरी से जवाब मांगा है.
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Bilaspur Mental Hospital: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बना एकमात्र मेंटल हॉस्पिटल फिलहाल खुद अच्छी हालत में नहीं है, क्योंकि यहां न तो मरीजों को टोकन मिल रहे हैं और न ही समय से डॉक्टर पहुंच रहे हैं, जबकि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की भी पर्याप्त व्यववस्था नहीं है. इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी से जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल के ओपीडी में हर दिन करीब 150 मरीज आते हैं, लेकिन टोकन सिस्टम नहीं होने की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगी थी याचिका
दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासपुर में बने मेंटल हॉस्पिटल को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई थी, जो अस्पताल की अव्यवस्था पर थी, जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच हो रही है. बताया जा रहा है कि इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की थी, जिसमें एडवोकेट ऋषि राहुल सोनी को कोर्ट की तरफ से कमिश्नर नियुक्त कर अस्पताल की पूरी निरीक्षण रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, इसके बाद उन्होंने बिलासपुर के मेंटल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर को पेश कर दी थी, बताया जा रहा है कि अब जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट अपना शपथ पत्र देने को कहा है, मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होनी है.
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अस्पताल में हो रही लापरवाही
बताया जा रहा है कि जो रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी गई थी, उसमें अस्पताल में हो रही लापरवाही की जानकारी दी गई थी, जिसमें बताया गया कि 23 मई और 6 जून को अस्पताल का निरीक्षण किया गया था. लेकिन इस दौरान अस्पताल में कई तरह की अव्यवस्थाएं दिखी थी. अस्पताल में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ समय पर ड्यूटी के लिए नहीं आता है, जबकि अस्पताल में आने वाले ज्यादातर कर्मचारी अपनी बायोमेट्रिक एंट्री भी दर्ज नहीं कराते हैं, यानि अस्पताल में स्टॉफ अपनी मनमानी करता है, जबकि यहां अनुशासन की कमी भी देखी गई थी. इसकी पूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी गई थी, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है.
हर दिन आते हैं 150 मरीज
अस्पताल परिसर में कई जगह पर गंदगी भी देखी गई, जबकि भवन भी कई जगह से जर्जर हालत में दिखा है, धूल और गंदगी अस्पताल में दिखी है. वॉशरूम में भी गंदगी थी, जबकि वार्डों में कूलर भी नहीं चल रहे थे. अस्पताल में कई सुविधाएं नहीं थी. बताया जा रहा है कि अस्पताल में हर दिन 150 नए मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन यहां टोकन का सिस्टम नहीं है, जिससे कैसे रजिस्ट्रेशन होगा इसकी कोई जानकारी नहीं होती है. ऐसे में काउंटर पर अव्यवस्था की स्थिति रहती है. फिलहाल हाईकोर्ट ने इस मामले में जवाब मांगा है. (सोर्स दैनिक भास्कर)
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