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Chhattisgarh Biggest Railway Station: छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन-सा है? जानें यहां


Largest Railway Station in Chhattisgarh: हर दिन लाखों लोग रेल से सफर करते हैं. छत्तीसगढ़ में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा भीड़ को नियंत्रित करता है. क्या आपको इस बारे में पता है कि छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है? अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं, तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.

सबसे बड़ा स्टेशन

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सबसे बड़ा स्टेशन

मध्य भारत के राज्य छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन बिलासपुर जंक्शन है. यह स्टेशन न केवल राज्य का मुख्य रेल केंद्र है, बल्कि पूरे देश से यात्रियों और मालगाड़ियों को जोड़ने का काम करता है. रोजाना यहां से करीब 340 ट्रेनें गुजरती हैं, जिससे यह देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है.

 

1889 में बना था

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1889 में बना था

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिलासपुर जंक्शन की शुरुआत साल 1889 में हुई थी, जब राजनांदगांव से बिलासपुर तक रेलवे लाइन बिछाई गई थी. फिर 1891 में, यह स्टेशन बंगाल नागपुर रेलवे के नागपुर-आसनसोल लाइन में शामिल हुआ. 1900 तक, यह स्टेशन हावड़ा-नागपुर-मुंबई रेल मार्ग का अहम हिस्सा बन गया.

 

सुविधाओं से लैस

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सुविधाओं से लैस

आपको बता दें कि बिलासपुर जंक्शन में 9 प्लेटफॉर्म हैं और यह एक अत्याधुनिक स्टेशन बन चुका है. यहां यात्रियों की सुविधा के लिए वेटिंग रूम, एस्केलेटर, लिफ्ट, स्वच्छ शौचालय और खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है. रेलवे बोर्ड के 2015-16 के सर्वेक्षण के अनुसार, यह भारत का तीसरा सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशन रहा है.

 

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय

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दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय

यह स्टेशन सिर्फ एक यात्री केंद्र नहीं, बल्कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) का मुख्यालय भी है. यहां से पूरे जोन के रेल संचालन, रखरखाव और प्रशासन का काम होता है. यह पूरे मध्य भारत में रेलवे नेटवर्क को नियंत्रित करने का प्रमुख केंद्र है.

 

सुरक्षित रेल संचालन

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सुरक्षित रेल संचालन

मिली जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर रेल मंडल में विद्युतीकरण का काम कई चरणों में पूरा हुआ. 1969-70 में राउरकेला-बिलासपुर, 1976-77 में बिलासपुर-नागपुर और 1981 में बिलासपुर-कटनी सेक्शन में इलेक्ट्रिक लाइनें शुरू हुईं. इससे ट्रेनों की स्पीड और ऊर्जा दक्षता में काफी सुधार हुआ है.

 

इलेक्ट्रिक लोको शेड की ताकत

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इलेक्ट्रिक लोको शेड की ताकत

साल 2018 में, बिलासपुर में एक आधुनिक इलेक्ट्रिक लोको शेड बनाया गया. जनवरी 2025 तक, यहां 240 इलेक्ट्रिक इंजन मौजूद हैं, जिनमें ज्यादातर WAG-9 प्रकार के हैं. इन इंजनों का उपयोग यात्री और माल दोनों गाड़ियों के संचालन में होता है.

प्लेटफॉर्म की लंबाई भी कम नहीं

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प्लेटफॉर्म की लंबाई भी कम नहीं

बिलासपुर स्टेशन का प्लेटफॉर्म भी खास है, जोकि भारत का पांचवां सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है, जिसकी लंबाई 802 मीटर है. इसका उपयोग लम्बी दूरी की ट्रेनों के संचालन के लिए होता है, जिससे हजारों यात्रियों को हर दिन सुविधा मिलती है.

 

राज्य और देश के लिए अहम केंद्र

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राज्य और देश के लिए अहम केंद्र

बिलासपुर जंक्शन केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश के लिए एक रणनीतिक रेल केंद्र बन चुका है. इसके जरिए कोयला, इस्पात और अन्य औद्योगिक उत्पादों की आवाजाही सुगम होती है, जो छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गति देता है. (नोटः इस खबर में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है. )

 

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