2008 और 2013 में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों पर नजर डालें तो यहां सत्तरूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दबदबा रहा है. दोनों ही चुनावों में रायपुर जिला की सात सीटों में से पांच पर बीजेपी ने कब्जा किया था.
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रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए वोट डाले जा चुके हैं. नक्सल प्रभावित राज्य होने के कारण यहां दो चरणों में मतदान संपन्न हुआ. रायपुर जिला के सभी सात सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले गए. अगर हम 2008 और 2013 में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों पर नजर डालें तो यहां सत्तरूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दबदबा रहा है. दोनों ही चुनावों में रायपुर जिला की सात सीटों में से पांच पर बीजेपी ने कब्जा किया था. 2013 में धरसींवा, रायपुर पश्चिमी, रायपुर उत्तरी और दक्षिणी के अलावा आरंग सीट पर भगवा झंडा लहराया था. वहीं कांग्रेस को सिर्फ रायपुर ग्रामीण और अभनपुर में सफलता मिली थी.
अभी तक के परिणामों पर गौर करें तो रायपुर में जिसकी बढ़त रही है सरकार उसी की बनी है. रायपुर ग्रामीण सीट पर शुरुआत से बीजेपी का कब्जा रहा था, लेकिन 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां बाजी मारी थी. कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा विधायक चुने गए थे. इस सीट पर साहू वोटों का दबदबा है. यह सामान्य सीट है. 2013 में कांग्रेस को कुल 70774 और बीजेपी को 68913 वोट मिले थे.
रायपुर शहर की उत्तरी सीट पर कांग्रेस और बीजेपी ने एक-एक बार जीत दर्ज की है. यहां से श्रीचंद सुंदरानी बीजेपी विधायक हैं, जो कि पार्टी के प्रवक्ता भी हैं. उन्होंने कांग्रेस के कुलदीप सिंह जुनेजा को करीब 4 हजार वोटों से शिकस्त दी थी.
रायपुर दक्षिणी सीट को शहर का सबसे वीआईपी सीट माना जाता है. इसके अलावा इसे बीजेपी का गढ़ भी माना जाता है. रमन सिंह सरकार के कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल यहां विधायक हैं. बृजमोहन अग्रवाल शुरू से इस सीट से जीत दर्ज करते आए हैं. 2013 में उन्होंने 25 हजार मतों से जीत दर्ज की थी.
रायपुर पश्चिमी सीट पर 2008 में पहला चुनाव हुआ था. बीजेपी के राजेश मूणत 51.26 प्रतिशत वोट पाकर जीत दर्ज करने में सफल रहे थे. 2013 के चुनाव में बीजेपी ने फिर मूणत पर ही दांव अजमाया. वह 6 हजार 160 वोटों से चुनाव जीतने में फिर सफल रहे थे.
राजधानी रायपुर के धरसीवां विधानसभा सीट पर हर किसी की नज़रें टिकी हुई हैं. जब से राज्य का गठन हुआ है यहां बीजेपी ने जीत दर्ज की है. 2013 के चुनाव में यहां बीजेपी के देवजी भाई पटेल ने जीत तो हासिल की थी. इस सीट पर कुर्मी, साहू और सतनामी जाति के वोटरों का दबदबा रहा है.
2013 में विधानसभा चुनाव नतीजे की बात करें तो राज्य में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनी थी और रमन सिंह मुख्यमंत्री बने थे. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी ने 90 में से 49 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, कांग्रेस सिर्फ 39 सीटों पर सिमट गई थी. 2 सीटें अन्य के खाते में गई थीं. 2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लिया था.