प्रहलाद लोधी की विधायकी बहाल करने को लेकर राज्यपाल से मिले BJP नेता, कही ये बात
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प्रहलाद लोधी की विधायकी बहाल करने को लेकर राज्यपाल से मिले BJP नेता, कही ये बात

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि यह सीधे-सीधे देश के संविधान का उल्लंघन है. संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं. 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार षड्यंत्र कर रही हैं. इसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं.

भोपाल: मध्य प्रदेश के पवई से विधायक रहे प्रहलाद लोधी की सदस्यता के मामले में अब बीजेपी ने आर-पार का रुख अख्तियार कर लिया है. बीजेपी के दिग्गज नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को मध्य प्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन से मुलाकात की और तमाम तथ्यों के साथ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधि मंडल में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, डॉ. नरोत्तम मिश्रा और प्रहलाद लोधी शामिल थे. राज्यपाल को ज्ञापन देकर राजभवन से बाहर निकले नेताओं ने प्रहलाद लोधी की सदस्यता के मामले में कांग्रेस और विधान सभा अध्यक्ष पर कई आरोप लगाए.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि यह सीधे-सीधे देश के संविधान का उल्लंघन है. संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं. पिछले 8 दिनों से इस मामले में राजनीति हो रही है. कांग्रेस ये सब विधानसभा में अपना बहुमत बनाये रखने के लिए कर रही है. हमने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया है. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नेताप्रतिपक्ष को मिलने का समय न देना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार षड्यंत्र कर रही हैं. इसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं. हम न्याय की आशा में राज्यपाल से मिले हैं, हमें उम्मीद है न्याय मिलेगा. 

वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला असंवैधानिक हैं, इसीलिए हम राज्यपाल से मिले हैं. 8 दिन बाद भी हाईकोर्ट के आदेश के पालन नही हुआ है. बता दें कि बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी की विधायकी पर संशय बना हुआ है. दरअसल, भोपाल की विशेष अदालत से सुनाई गई सजा को हाईकोर्ट से स्थगन मिल गया है. लेकिन, विधानसभा सचिवालय से उनकी सदस्यता बहाल करने की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है. गौरतलब है कि पन्ना जिले की पवई विधानसभा सीट से निर्वाचित प्रहलाद लोधी को भोपाल की विशेष अदालत ने तहसीलदार से मारपीट के मामले में दो साल कारावास की सजा सुनाई थी.

वहीं, सजा के ऐलान के बाद विधानसभा सचिवालय ने लोधी की सदस्यता खत्म किए जाने की अधिसूचना जारी की. बाद में लोधी की सजा पर जबलपुर हाईकोर्ट से स्थगन मिल गया. ज्ञात हो कि 31 अक्टूबर, 2019 को सांसदों, विधायकों के मामलों की सुनवाई कर रहे भोपाल के विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की कोर्ट ने भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों को बलवा, मारपीट और गाली-गलौज करने के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी और अलग-अलग 3,500 रुपये जुर्माना भी लगाया था.

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