इंदौर: हर साल की तरह इस बार भी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने धनतेरस पर अपनी पैतृक दुकान संभाली. विजयवर्गीय ना सिर्फ दुकान पर बैठे, बल्कि ग्राहकों को सामान भी तौलकर दिया और पैसे भी काटे.


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आपको बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हर साल दीवाली के मौके पर अलग किरदार में दिखते हैं. वो किरदार है एक दुकानदार का. हर साल वह अपनी पुश्तैनी दुकान की गद्दी पर बैठकर एक आम दुकानदार की तरह राशन बेचते नजर आते हैं.


कैलाश विजयवर्गीय की मानें तो राजनीति के अलावा उनका अपनी दुकान से एक अलग लगाव है.यही कारण है कि दीवाली और धनतेरस पर वह अपनी दुकान जरूर संभालते हैं. 


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60 साल पुरानी है कैलाश विजयवर्गीय की ये दुकान
बता दें कि इंदौर के नंदानगर में घर के पास ही उनकी पैतृक किराने की दुकान है. ये किराना दुकान है, जो काकी जी की दुकान के नाम से फेमस है. इस दुकान को विजयवर्गीय की मां चलाया करती थी. यही कारण है कि उन्हें इस दुकान से खास लगाव है.ये दुकान बेहद मशहूर है. उनकी 60 साल पुरानी दुकान उनके परिवार की आय का मुख्य जरिया है. इस दुकान से जो इनकम होती है वह उनके परिवार को चलाने के लिए प्रयाप्त है.


विजयवर्गीय ने अपना बचपन से लेकर जवान होने तक अपना समय इस दुकान में बैठकर बिताया है. वह दुकान चलाने में अपनी मां की मदद किया करते थे. राजनीति में नाम करने के बाद भी  वह हर धनतेरस और दिवाली पर अपनी दुकान पर बैठते हैं.


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