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ग्वालियर: कोरोना की लड़ाई के बीच मध्य प्रदेश की सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन प्रदेश सरकार के रवैये से खफा है. एसोसिएशन का कहना है कि अलग-अलग श्रेणी के पैरामेडिकल स्टाफ को 2 महीने से सैलरी नहीं दी गई है. जिसे लेकर उन्होंने सरकार और मु्ख्य सचिव को चिट्टी लिखी है.
सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने चिट्ठी में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि आपदा प्रबंधन कोविड-19 की महामारी में डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य सरकारें समय से वेतन दें. उक्त आदेश के द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किये हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा है.
सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कोर्ट के आदेश में ये भी कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा समय पर वेतन न प्रदान करना आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में माना जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार पैरा मेडिकल स्टाफ को वेतन नहीं देगा तो वो इस मामले को लेकर आंदोलन कर सकते हैं.
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आपको बता दें कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ 3300 डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और नर्सेस के साथ-साथ पैरा मेडिकल स्टाफ को वेतन नहीं दिया गया है. जिसे लेकर उन्होंने मोर्चा खोल रखा है.
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