प्रदेश में अभी तक दोपहर के 12 बजे से रात के 9 बजे तक शराब बेची जा रही थी, लेकिन अब से यहां रात 10 बजे तक शराब बेची जाएगी. आबकारी विभाग ने रात 10 बजे तक शराब की दुकानों को खुला रखने के निर्देश जारी किए हैं.
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नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी को बड़ा झटका लगा है. प्रदेश की वर्तमान सरकार ने शराबबंदी पर फैसला लिया है कि अब से राज्य में दो घंटे ज्दाया देर तक शराब बेंची जाएगी. आबकारी विभाग ने पूर्व सरकार के फैसले में फेर-बदल करते हुए दो घंटे अधिक शराब बेचने का फैसला लिया है. बता दें प्रदेश में अभी तक दोपहर के 12 बजे से रात के 9 बजे तक शराब बेची जा रही थी, लेकिन अब से यहां रात 10 बजे तक शराब बेची जाएगी. आबकारी विभाग ने रात 10 बजे तक शराब की दुकानों को खुला रखने के निर्देश जारी किए हैं.
वहीं सरकार के इस फैसले के बाद हर तरफ पूर्ण शराबबंदी पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. क्योंकि प्रदेश में काफी समय से पूर्ण शराबबंदी की मांग जारी है, ऐसे में अब जब शराब की दुकानों के बंद होने के समय को बढ़ा दिया गया है तो शराबबंदी प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा बन गया है. बता दें रायपुर कलेक्टर ने राजस्व वृद्धि के उद्देश्य से 27 देसी और 43 विदेशी शराब की दुकान का समय मे किया बदलाव. शराब दुकान खुलने और बंद होने से समय मे एक एक घंटे की वृद्धि. शराब दुकान अब से सुबह 12 बजे की जगह 11 बजे और शाम 9 बजे की जगह 10 बजे तक खुली रहेंगी.
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बता दें विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने पूर्ण शराब बंदी का वादा किया था. जिसके चलते अब भाजपा शराब दुकान के समय मे वृद्धि को गलत बता रही है और सरकार के फैसले पर जमकर सियासत शुरू हो गई है. इस मामले में भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि सरकार परिवारों के टूटने की चिंता नहीं कर रही बल्कि शराब के बोतल टूटने की चिंता कर रही है. सरकार प्रदेश की जनता को लगातार गुमराह कर रही है. शराब की दुकानों का समय बढ़ाकर सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी कि वो शराबबंदी नहीं करने वाले.
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भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि कांग्रेस ने वोट बैंक बनाने के लिए शराब बंदी की बात कही थी, जबकि अब कहीं जाकर सरकार की मंशा जाहिर हुई है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद का कहना है कि भाजपा को शराब के मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. भाजपा सरकार के समय में ही प्रदेश शराब के सर्वाधिक खपत वाला राज्य बना था. हमारी सरकार खपत कम हो इस दिशा में काम कर रही है. साथ ही शराबबंदी के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. ये निर्णय प्रशासनिक निर्णय है.