छत्‍तीसगढ़ चुनाव: 'अटल जी' के सहारे बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस भी पार लगाना चाहती है अपनी नैय्या
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छत्‍तीसगढ़ चुनाव: 'अटल जी' के सहारे बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस भी पार लगाना चाहती है अपनी नैय्या

अटल जी के नाम पर बीजेपी के पक्ष में खड़ा होने वाला मतदाता असमंजस में था. अबतक उन्‍हें इस वीडियो से जुड़ी एक सच्‍चाई पता नहीं थी.

 कांग्रेस ने अटल जी के नाम पर बीजेपी को घेरने के लिए करुणा शुक्‍ला का चेहरा आगे कर दिया है.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: पूर्व प्रधानमंत्री स्‍वर्गीय अटल विहारी बाजपेयी के नाम के सहारे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ही नहीं, अब कांग्रेस भी अपनी चुनावी नैय्या पार लगाना चाहती है. छत्‍तीसगढ़ के मौजूदा हालात को देखकर तो यही लगा रहा है. दरअसल, अटल जी की अस्थि कलश यात्रा को लेकर विवादों का दौर चल रही रहा था, तभी उनकी भतीजी करुणा शुक्‍ला ने एक वीडियो जारी कर दिया. इस वीडियो में करुणा शुक्‍ला ने न केवल छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमन सिंह को आड़े हाथोंं लिया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के मौजूदा नेताओं को जम कर खरी-खरी सुनाई. 

  1. लोगों की अनभिज्ञता का कांग्रेस उठाना चाहती थी फायदा
  2. कांग्रेस को थी आशा, वीडियो से मिलेगा राजस्‍थान में फायदा
  3. अब प्रेस कांफ्रेंस में करुणा ने मांगा BJP के नेताओं से इस्‍तीफा

चूंकि इस वीडियो में बीजेपी की नींव रखने वाले अटल जी की भतीजी बोल रही थी, लिहाजा लोगों की संवेदनाएं वीडियो के प्रति बढ़ने लगीं. देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. अगली सुबह तक इस वीडियो की चर्चा हर जुबां पर चढ़ी हुई थी. इस वीडियो को देखने के बाद लोगों की दो तरह की प्रतिक्रियाएं थी. पहली प्रतिक्रिया उनकी थी, जो बीजेपी के समर्थक नहीं हैं. ऐसे लोगों को यह कहने में देर नहीं लगी कि देख लिया, अब तो अटल जी की भतीजी ने सच्‍चाई सामने रख दी है. दूसरी प्रतिक्रिया उन लोगों की थी, जो बीजेपी के पक्षकार है. उन्‍हें अब तक यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर अटल जी की भतीजी ने ये बातें क्‍यों कहीं? 

 

 

लोगों की अनभिज्ञता का कांग्रेस उठाना चाहती थी फायदा
अटल जी के नाम पर बीजेपी के पक्ष में खड़ा होने वाला मतदाता असमंजस में था. अबतक उन्‍हें इस वीडियो से जुड़ी एक सच्‍चाई पता नहीं थी. वीडियो में कही गई बातों को अटल जी के परिवार की संवेदना समझने वाले लोगों को पता नहीं पता था कि टिकट न मिलने से नाराज होकर करुणा शुक्‍ला ने वर्षों पहले बीजेपी से नाता तोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. लोगों की इसी अनभिज्ञता का फायदा अप्रत्‍यक्ष तौर पर कांग्रेस उठाना चाहती थी. कांग्रेस जानती थी कि करुणा शुक्‍ला की पहचान भले ही छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेसी नेता के तौर पर हो, लेकिन देश का बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो उन्‍हें सिर्फ अटल जी की भतीजी के तौर पर ही जानता है. 

कांग्रेस को थी आशा, वीडियो से मिलेगा राजस्‍थान में फायदा

कांग्रेस का मानना था कि इस वीडियो का फायदा उसे भले ही छत्‍तीसगढ़ में न मिले, लेकिन इसका फायदा उसे राजस्‍थान और मध्‍यप्रदेश में जरूर मिलेगा. लंबे समय से बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही कांग्रेस ने करुणा शुक्‍ला के वीडियो का इस्‍तेमाल ब्रह्मास्‍त्र की तरह किया. कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ इस हथियार के इस्‍तेमाल के लिए पूरी ताहत लगा दी. जिसके सकारात्‍मक नतीजे भी कांग्रेस को मिलने लगे. जिसके बाद, कांग्रेस ने अटल जी के नाम पर बीजेपी को घेरने के लिए करुणा शुक्‍ला का चेहरा आगे कर दिया है. इसी रणनीति के तहत करुणा शुक्‍ला ने एक बार फिर प्रेस कांफ्रेस कर छत्‍तीसगढ़ के दो भाजपा मंत्रियों से इस्‍तीफा मांगा है.

अब प्रेस कांफ्रेंस में करुणा ने मांगा BJP के नेताओं से इस्‍तीफा
कांग्रेस के अन्‍य नेताओं की मौजूदगी में हुई इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्‍होंने आरोप लगाया कि अटलजी की शोकसभा के दौरान दोनों नेता ठहाके लगा रहे थे. संवेदना और नैतिकता के लिहाज से शोकसभा में दोनों मंत्रियों की हंसी-ठिठौली बेहद आपत्तिजनक थी, लेकिन लोगों को जैसे ही पता चला कि करुणा शुक्‍ला कांग्रेस की नेता हैं, उन्‍होंने इस मुद्दे को गंभीर होने के बाजवूद सियासी चाल समझ लिया. खैर, इस पूरे प्रकरण से यह तो साफ हो गया है कि अटल जी के सहारे अब बीजेपी ही नहीं कांग्रेस भी अपनी चुनावी नैया पार लगाने की जुगत में लगी हुई है.

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