धर्मापेंटा के पास पुल पर पानी बह रहा है. जिला मुख्यालय में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है. नदी के उस और दो दर्जन पंचायत व उड़ीसा का मलकानगिरी जिला है. जिससे बीते 20 घंटो से संर्पक टूटा हुआ है.
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रायपुरः छत्तीसगढ़ के सुकमा में गोदावरी और शबरी नदी उफान पर हैं. ऐसे में बाढ़ का खतरा कोंटा पर मंडरा जरूर रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि बारिश रुक गई है. जिसके चलते शबरी का जलस्तर धीमी गति से कम हो रहा है. वहीं झापरा पुल अभी भी डूबा हुआ है. बीते 20 घंटे से आवागमन बाधित है. मलगेर नदी का जलस्तर स्थित है. इसके अलावा किस्टाराम का भी संर्पक टूट चुका है. वहीं धर्मापेंटा के पास पुल पर पानी बह रहा है. जिला मुख्यालय में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है. नदी के उस और दो दर्जन पंचायत व उड़ीसा का मलकानगिरी जिला है. जिससे बीते 20 घंटो से संर्पक टूटा हुआ है.
इसके अलावा गादीरास के पास स्थित मलगेर नदी का भी जलस्तर बढ़ चुका है. सुबह से ही नदी पर बना पुल जिस पर 4 फीट पानी बहने लगा था. वहां पर भी पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया. वही चिंता का विषय है कि बारिश लगातार हो रही है. जिसके चलते एक बार बाढ़ जैसे हालात बने हुए है. जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है. हालांकि बारिश रूक गई है और शबरी का जलस्तर धीमी गति से कम हो रहा है. शबरी नदी का जलस्तर सुबह 6 बजे ही 9.54 मीटर पर स्तर हो गया था. उसमें बाद धीरे-धीरे घटते हुए 10 बजे 9.51 मीटर हुआ था. बारिश रूकने व शबरी नदी का जलस्तर कम होने से लोगो ने राहत की सांस ली.
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लगातार बारिश से जहां एक और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं गोदावरी नदी भी उफान पर है. ऐसे में शबरी नदी का बैक वाटर से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है, जिसके कारण कोंटा व जिले के लोग चिंतित है. क्योंकि शबरी नदी का पानी गोदावरी नदी में मिलता है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक भद्राचलम के पास गोदावरी का जलस्तर सुबह 9 बजे 44.1 फीट है. जबकि पहली चेतावनी 43 फीट पर देते है. इसके अलावा तालीपेरू बांध के 22 गेट खोले गए है उसमें से 1.5 लाख क्येसेस पानी छोड़ा गया है. जहां शबरी नदी भद्राचलम के बाद गोदावरी में मिलती है इसलिए गोदावरी के बढ़ने से शबरी में बाढ़ का संकट आ जाता है.
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कलेक्टर कार्यालय और जिला अस्पताल जाने वाली सड़क नाले में तब्दील हो गई. देरा रात से ही सड़क पर पानी इक्ट्ठा होने लगा था. उसके बाद सुबह तक सडक पर करीब दो फीट पानी आ गया. 10 बजे कार्यालय जाने वाले कर्मचारी बाईक से जाते हुए दिखाई दिए. यही हाल बाईपास रोड़ का है जहां पर पानी इक्ट्ठा होने से यातायात प्रभावित है.
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लगातार बारिश से जहां एक और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं गोदावरी नदी भी उफान पर है. ऐसे में शबरी नदी का बैक वाटर से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है जिसके कारण कोंटा व जिले के लोग चिंतित है. क्योंकि शबरी नदी का पानी गोदावरी नदी में मिलता है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक भद्राचलम के पास गोदावरी का जलस्तर सुबह 9 बजे 44.1 फीट है. जबकि पहली चेतावनी 43 फीट पर देते है. इसके अलावा तालीपेरू बांध के 22 गेट खोले गए है उसमें से 1.5 लाख क्येसेस पानी छोड़ा गया है.