छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, 65 लाख परिवारों का बनेगा राशन कार्ड
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छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, 65 लाख परिवारों का बनेगा राशन कार्ड

सामान्य श्रेणी के कार्डों को दो समूहों में विभक्त करते हुए सामान्य श्रेणी (आयकरदाता) और सामान्य श्रेणी (गैर आयकरदाता) का राशन कार्ड पात्रता अनुसार जारी किया जाएगा. 

नए राशन कार्ड बनने तक वर्तमान राशन कार्डधारियों को पुराने राशन कार्ड से सामग्री मिलती रहेगी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के सभी 65 लाख परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का फैसला किया है. राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में मंत्रिमंडल की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. चौबे ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से राज्य के सभी 65 लाख परिवारों को राशन कार्ड से लाभान्वित किया जाएगा. वर्तमान में 58 लाख परिवारों के राशन कार्ड है. अब आयकर दाताओं के भी राशन कार्ड बनेंगे. सात लाख नए परिवारों समेत सभी 65 लाख परिवारों के लिए नए राशन कार्ड बनाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि सामान्य श्रेणी के कार्डों को दो समूहों में विभक्त करते हुए सामान्य श्रेणी (आयकरदाता) और सामान्य श्रेणी (गैर आयकरदाता) का राशन कार्ड पात्रता अनुसार जारी किया जाएगा. सामान्य श्रेणी (आयकरदाता) और सामान्य श्रेणी (गैर आयकरदाता) के लिए चावल की दर 10 रूपए प्रतिकिलो निर्धारित की गयी है. चौबे ने बताया कि नए राशन कार्ड बनने तक वर्तमान राशन कार्डधारियों को पुराने राशन कार्ड से सामग्री मिलती रहेगी. परिवार में मात्र एक सदस्य होने पर 10 किलो चावल मिलेगा, दो सदस्य होने पर 20 किलो तथा तीन से पांच सदस्य होने पर 35 किलो चावल मिलेगा. पांच से अधिक सदस्य होने पर प्रति सदस्य की दर से 7-7 किलो चावल अतिरिक्त दिया जाएगा.

वहीं, अंत्योदय श्रेणी के राशनकार्ड पर एक रूपए प्रति किलोग्राम की दर से 35 किलोग्राम चावल देने की योजना भी जारी रहेगी. कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य शासन ने सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों से लिए गए अल्पकालिक कृषि ऋण को माफ किया है. मंत्रिमंडल की बैठक में इससे छूट गए नानपरफामिंग खातों को वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से ऋण माफी का लाभ दिलाने का फैसला किया गया. इसके तहत 50 प्रतिशत की राशि राज्य सरकार द्वारा देय होगी. इससे करीब 1175 करोड़ रूपए की ऋण राशि में से आधी राशि शासन द्वारा वहन की जाएगी. इससे भविष्य में इन खाताधारियों को भी कृषि ऋण की सुविधा मिल सकेगी.

चौबे ने बताया कि बैठक में राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों के व्यापक हित और सहकारी शक्कर कारखानों को सक्षम बनाने की दृष्टि से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित किए जाने वाली शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से किए जाने का निर्णय लिया गया. इससे सहकारी शक्कर कारखानों में भंडारित शक्कर के स्कंध का निराकरण किया जा सकेगा. वर्तमान में यह शक्कर खुले बाजार से क्रय की जाती है.

उन्होंने बताया कि अटल नगर, अटल नगर विकास प्राधिकरण और अटल स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के नाम के आगे अब ‘नवा रायपुर‘ जोड़ा जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार ने नया रायपुर का नाम अटल नगर कर दिया था. अब कांग्रेस की नई सरकार ने नाम के आगे 'नवा रायपुर' जोड़ने का फैसला किया है. नवा छत्तीसगढ़ का शब्द है जिसका मतलब नया होता है.

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में आज अशासकीय स्कूलों के प्रवेश शुल्क संबंधी शिकायतों और विसंगतियों को दूर करने के लिए समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि राज्य में शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत अभी तक केवल कक्षा आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क शिक्षा एवं पाठ्य पुस्तक की व्यवस्था की जाती है. अब यह सुविधा कक्षा नवमी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को भी उपलब्ध करायी जाएगी.

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