छत्तीसगढ़ में बलात्कार के आंकड़ों को देखें तो जनवरी 2019 से जनवरी 2020 तक 13 महीनों में बलात्कार के 2,575 मामले दर्ज किए गए है. यह आंकड़े विधनसभा में मार्च के बजट सत्र में बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर गृहमंत्री ने जवाब में रखे हैं
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देवेश तिवारी/रायपुर: छत्तीसगढ़ में सामूहिक बलात्कार के मामले सामने आने के बाद बलात्कार की घटनाओं को रोके जाने को लेकर सवाल उठने लगे है. एक सप्ताह में दो बड़ी घटना छत्तीसगढ़ में हो चुकी है. बलरामपुर के वाड्रपनगर में युवती को नशे का इंजेक्शन देकर आरोपियों ने सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया इधर कोण्डागांव से युवती को ट्रक में लिफ्ट देकर आरोपियों ने चलते ट्रक में रायपुर आने तक कई बार सामूहिक बलात्कार किया. हालांकि दोनों मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे है.
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2,575 मामले दर्ज
छत्तीसगढ़ में बलात्कार के आंकड़ों को देखें तो जनवरी 2019 से जनवरी 2020 तक 13 महीनों में बलात्कार के 2,575 मामले दर्ज किए गए. 1 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक रायपुर जिले में सबसे ज्यादा 301 मामले सामने आए है. रायगढ़ जिले में 196 ,बिलासपुर में 144 सरगुजा में 139 , सूरजपुर में 132 , जशपुर में 123, बलौदबाजार में 123, बस्तर में 115 , कोरिया में 114 , बलरामपुर में 112 और कोरबा जिले में 102 मामले दर्ज किए गए. 13 माह में हुए ढाई हजार बलात्कार के मामलों को देखें तो छत्तीसगढ़ में हर दिन औसतन 6.5 मामले दर्ज हुए. इस हिसाब से छत्तीसगढ़ में हर 4 घंटे में एक बलात्कार का केस दर्ज हो रहा है. यह आंकड़े विधनसभा में मार्च के बजट सत्र में बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर गृहमंत्री ने जवाब में रखे हैं
बीजेपी-कांग्रेस का जवाब
रेप के मामलों को लेकर बीजेपी प्रवक्ता श्री चंद सुन्दरानी का कहना हैं कि छत्तीसगढ़ में लगातार रेप की घटनाएं बढ़ रही है. ठोस कार्रवाई नहीं होने की वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे है. जबकि कांग्रेस नेता रमेश वर्ल्यानी का कहना हैं कि रेप की घटनाओ में छत्तीसगढ़ में पुलिस तत्काल कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज रही है.
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लड़कों के संस्कार से रुकेंगे अपराध
बिलासपुर आईजी दिपांशु काबरा ने ट्विटर पर पोल कराया था जिसमें उन्होंने पूछा कि, महिलाओं के प्रति अपराध कैसे रुकेंगे? उनके पोल के जवाब में 40 फिसदी लोगों का कहना है कि लड़कों को संस्कार देकर अपराध रुक सकते है. 39 फिसदी लोग कठोर कानून से अपराध रुकने की बात कहते है. 13 फीसदी लोग सेल्फ डिफेंस को मानते हैं जबकि इनके अलावा अन्य प्रयासों से 8 फीसदी लोगों को लगता है कि महिलाओं के प्रति अपराध में कमी लाई जा सकती है.
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