धमतरीः छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार जहां एक तरफ कुपोषण को दूर करने के लिए योजनाएं चलाने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ करोड़ों रुपये का दूध पानी की तरह बहाया जा रहा है. दरअसल, धमतरी में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अमृत योजना लागू हुई थी. इस योजना के तहत बच्चों को सप्ताह मे एक दिन मीठा दूध दिया जा रहा था, लेकिन पिछले आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को मिलने वाले दूध की सप्लाई पिछले दो महीने से बंद है.
आंगनबाड़ी के बच्चों को पिछले दो महीनों से दूध मिलना बंद हो गया है. वहीं घटना की खबर मिलने पर महिला एवं बाल विकास मंत्री पूरे मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं. आपको बता दें कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अमृत योजना लागू की गई थी, जिसके तहत बच्चों को हफ्ते में एक दिन मीठा दूध दिया जा रहा था. ये योजना पिछली सरकार में शुरू की गई थी, लेकिन पिछले दो महीने से योजना पर विराम लग गया है.
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इस योजना के तहत धमतरी के 122 गांवों की 133 आंगनबाड़ियों को चयनित किया गया था. अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी कारणों से दूध की सप्लाई पिछले दो महीने से बंद है, मामला संज्ञान में आने के बाद अगले हफ्ते से दूध की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. सुकमा में रमन सिंह ने आंगनबाड़ी के बच्चों को दूध पिलाकर मुख्यमंत्री अमृत योजना की शुरुआत की थी.
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यह योजना कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए शुरू की गई थी. योजना के तहत आंगनबाड़ियों में तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों को हर बुधवार को 100 मिलीलीटर मीठा सुगंधित दूध दिया जाना था, लेकिन सितबंर और अक्टूबर माह मे दूध की सप्लाई नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से बच्चो को मीठा दूध नही मिल पा रहा है.