छत्तीसगढ़: दो साल से ग्रामीण ताक रहे बिजली की राह, खंभे बता रहे दास्तां
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छत्तीसगढ़: दो साल से ग्रामीण ताक रहे बिजली की राह, खंभे बता रहे दास्तां

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में सरप्लस बिजली होने का दावा किया जाता है.

सीएम रमन सिंह ने अधिकारियों को 6 महीने में जिले के हर घर तक बिजली पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.

जशपुर: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक ओर प्रदेश में सरप्लस बिजली होने का दावा किया जाता है. दूसरे राज्यों को बिजली सप्लाई करने की बात की जाती है. वहीं दूसरी ओर चिराग तले अंधेरा की कहावत को भी बखूबी चरितार्थ किया जा रहा है. प्रदेश में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले जशपुर जिले के हालात कुछ ऐसे ही हैं. जिले के करीब 56 हजार घरों में आज भी बिजली की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी है. जिससे लोग आज भी परेशान और अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. आपको बता दें कि सीएम रमन सिंह ने अधिकारियों को 6 महीने में जिले के हर घर तक बिजली पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने 6 महीने में करीब 60 हजार घरों तक बिजली पहुंचाने का टारगेट दिया है.

  1. छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरप्लस बिजली होने का दावा

    सुईजोर गांव की रामनगर बस्ती में नहीं पहुंची बिजली

    खंभों पर आज तक नहीं लगे हैं तार

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1400 की आबादी का है गांव
जशपुर जिले के सुईजोर गांव की रामनगर बस्ती में करीब 1400 की आबादी है. इस गांव में दो सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने काफी कोशिश की तो, राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत अधिकारियों ने बिजली स्वीकृत कर दी. दो साल पहले ठेकेदार ने खंभे भी लगा दिए लेकिन, उन पर आज तक तार नहीं लगाए गए. साथ ही गांव में अभी तक ट्रांसफार्मर भी नहीं लगाए गए हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, ये गांव हाथियों के आतंक से प्रभावित है. इसके अलावा यहां बारिश शुरू होते ही सर्पदंश की कई घटनाएं सामने आने लगती है.

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ग्रामीण खुद ही ले गए खंभे
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले में अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगाई गई लेकिन, नतीजा सिफर ही रहा. वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांव के लोग अपनेआप ही खंभे ले गए. उन्होंने बताया कि इलाके में बिजली पहुंचाने के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है. जल्द ही बिजली आ जाएगी. गौरतलब है कि सीएम रमन सिंह के 6 महीने में जिले के हर घर तक बिजली पहुंचाने के निर्देश को प्रदेश में सबसे बड़ा लक्ष्य माना जा रहा है. सरकारी योजनाओं और वादों से गांव में कब तक बिजली पहुंचती है, तह देखने योग्य होगा.

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