Ajab Gajab: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिसालपुर में एक ऐसा चोरी का मामला (Bilaspur Theft Case) सामने आया है जिसकी जांच में पुलिस का सिर भी चकराने (Police Trouble) लगा है. यहां 20 हजार की कथित चोरी के मामले में अब तक 53 लाख से अधिक की बरामदगी हो गई है. अब संदेह के घेर में खुद पीड़ित भी है. आशंका जताई जा रही है कि ये साजिश के तहत कराई गई चोरी है. इस कारण अब पुलिस ने मामला इंकम टैक्स विभाग (income tax department) को सौंप दिया है.


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पुलिस के संदेह पर पीड़िता का आरोप
पुलिस को संदेह है कि खुद पीड़ित महिला भी इस साजिश में शामिल हो सकती है. यह रकम किसी बड़े व्यापारी या ठेकेदार या फिर विभाग के अधिकारी की भी हो सकती है. हालांकि पुलिस अब तक की रकम के असली स्रोत का पता नहीं लगा पाई है. उधर महिला ठेकेदार सरोजिनी साहू का कहना है कि पुलिस उसे फंसाने के लिए ही जबरन लाखों रुपए की बरामदगी कर रही है.


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कब सामने आया मामला
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला स्थित अभिषेक बिहार में वन विभाग में ठेकेदारी करने वाली सरोजिनी साहू के घर कुछ दिनों पहले चोरी हो गई थी. महिला ने 20 हजार रुपये नगद और करीब एक लाख रुपये के गहने की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस की जांच में गोलू साहू नाम के आरोपी को जबलपुर से गिरफ्तार हुआ. लेकिन, उससे पास से 12.38 लाख रुपए बरामद हुए. मामले कुछ करीब 42 लाख कैश और 3 लाख के गहने जब्ती की गई है.


चांज आगे बढ़ी तो चोरी की मास्टरमाइंड सरोजिनी साहू की बड़ी बहन और लखराम की पूर्व सरपंच रुकमणी कौशिक निकली. प्लान बनाकर रुकमणी अपनी बहन और उसके परिवार के सदस्यों को लेकर वाटर पार्क गई थी. जिसके पीछे चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया.


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पुलिस का मुखबिर आया पकड़ में
सबसे बड़ी बात पुलिस ने अपने ही मुखबिर शिव दिप तिवारी को इस मामले में गिरफ्तार किया है. शिवदीप तिवारी ने ही ACCU को सूचना दी थी कि सरोजिनी साहू के घर में तीन करोड़ रुपए हैं. इसके बाद उसने तीन लोगों के साथ पुलिस को चकमा देने की पटकथा लिखा थी. पुलिस अब तक 53.58 लाख रुपए बरामद कर चुकी है. बड़ा सवाल यह है कि शेष रकम आखिर कहां गई? पुलिस को सरोजिनी साहू पर भी शक है, लेकिन अब तक उसके खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है.


बेहद उलझा हुआ है मामला
पूरा मामला बेहद उलझा हुआ है. पुलिस इससे पहले मास्टरमाइंड रुकमणी कौशिक, शिवदीप तिवारी और उनके कई साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इन दिनों प्रदेश में आईटी और ईडी की जांच चल रही है. ऐसे में संभव है कि वन विभाग के ही किसी अफसर या ठेकेदार ने सरोजिनी साहू के पास पैसे रखवाये होंगे और इन्हीं लोगों ने इस पैसे की हेराफेरी करने के मकसद से इस चोरी की वारदात को अंजाम दिया.


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